चुनाव आयोग का राहुल गांधी पर पलटवार: ‘वोट चोरी’ के आरोप निराधार

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोपों को किया खारिज, मतदाता सूची पर भी दिया विस्तृत जवाब।

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  • चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया।
  • मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने कहा कि मतदाता सूची को सभी राजनीतिक दलों के सहयोग से तैयार किया गया था।
  • CEC ने आरोप लगाने वाली पार्टियों से चुनाव याचिका दायर करने या समय पर शिकायत करने की अपील की।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 17 अगस्त, 2025 – लोकसभा चुनाव 2024 के बाद से ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित कई विपक्षी दलों ने ‘वोट चोरी’ और मतदाता सूची में गड़बड़ी जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। इन आरोपों पर विराम लगाते हुए, भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने राहुल गांधी के आरोपों का विस्तृत जवाब दिया और स्पष्ट किया कि ‘वोट चोरी’ जैसे शब्द का इस्तेमाल करना पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि ऐसे आरोप भारतीय संविधान और लोकतंत्र का अपमान हैं।

मतदाता सूची: ‘सभी दलों के सहयोग से तैयार की गई’

CEC ज्ञानेश कुमार ने मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची को तैयार करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती गई थी। बूथ लेवल अधिकारी (BLO) और सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने इस प्रक्रिया में सहयोग किया था। उन्होंने बताया कि हर स्तर पर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने मतदाता सूचियों का मसौदा (ड्राफ्ट) देखा था और उसे सत्यापित किया था। CEC ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि जिला स्तर पर उनके नामित प्रतिनिधियों और जिला अध्यक्षों द्वारा सत्यापित किए गए दस्तावेज शायद राज्य या राष्ट्रीय स्तर के नेताओं तक नहीं पहुँच रहे हैं, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है।

चुनाव आयोग निष्पक्ष है, सभी दल समान

आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाने वालों को जवाब देते हुए CEC ने दोहराया कि चुनाव आयोग के लिए सभी राजनीतिक दल समान हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल हो, उसकी पैदाइश चुनाव आयोग में पंजीकरण से ही होती है, इसलिए आयोग किसी भी दल के प्रति दुर्भावना नहीं रख सकता। यह सोचना ही गलत है। उन्होंने साफ कहा कि चुनाव आयोग बिना किसी भेदभाव के अपना काम करता है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पवित्रता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

समय पर शिकायत क्यों नहीं की गई?

CEC ने सवाल उठाया कि अगर किसी पार्टी को मतदाता सूची या चुनाव प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी मिली थी, तो उन्होंने समय पर शिकायत क्यों नहीं की? उन्होंने याद दिलाया कि चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद 45 दिनों के भीतर हाई कोर्ट में चुनाव याचिका दायर करने का प्रावधान है। उन्होंने आरोप लगाने वाली पार्टियों से कहा कि अगर उनके पास सबूत हैं, तो उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहिए। CEC ने कहा कि बिना किसी ठोस आधार के इतने लंबे समय बाद बेबुनियाद आरोप लगाना पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित लगता है और इसका मकसद केवल लोगों को गुमराह करना है।

भविष्य में आरोपों से बचने के लिए क्या करें?

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान CEC ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को चुनाव प्रक्रिया के बारे में जागरूक करें। उन्हें बताया जाए कि किस तरह से बूथ स्तर पर मतदाता सूचियों की जाँच होती है और कैसे वे अपने सुझाव या आपत्तियाँ दर्ज करा सकते हैं। इससे भविष्य में इस तरह के आरोपों और भ्रम की स्थिति से बचा जा सकेगा, और भारतीय लोकतंत्र की नींव और मजबूत होगी।

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