समग्र समाचार सेवा
गुवाहाटी, 14 अगस्त: राष्ट्रीय हिंदू फ्रंट (RHF), जो अक्टूबर 2013 से सक्रिय है (पंजीकरण संख्या 232/632/2014), ने गुवाहाटी के मथुरानगर स्थित श्रीमंत शंकर केंद्र में अखंड भारत दिवस का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में देश की एकता और अखंडता के संदेश के साथ सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और देशभक्ति के संकल्प शामिल रहे।
अध्यक्ष का आह्वान
कार्यक्रम में संगठन के अध्यक्ष ने कहा, “हम देश को विभाजनकारी ताकतों और सशस्त्र आक्रामण से बचाएंगे। ऐसे खतरों के सामने चुप रहना ऐतिहासिक भूल है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि अलगाववाद की प्रवृत्तियां देश की सामाजिक और भौगोलिक संरचना को कमजोर करती हैं, इसलिए सीमाओं की रक्षा और राष्ट्रीय एकता के लिए कड़े कानून आवश्यक हैं।
सांस्कृतिक और प्रतीकात्मक कार्यक्रम
समारोह की शुरुआत भारत माता की छवि के सामने दीप प्रज्ज्वलन से हुई, जो अखंडता और एकजुटता का प्रतीक था। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में सुप्रसिद्ध कलाकार रूमी भूयां और त्रिदीप दास ने देशभक्ति और सांस्कृतिक विरासत पर आधारित गीत प्रस्तुत किए। इसके अलावा, अखंड भारत दिवस पर विशेष राष्ट्रीय नृत्य प्रस्तुति ने भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक एकता को मंच पर जीवंत कर दिया।
राष्ट्रीय अखंडता का संदेश
कार्यक्रम के वक्ताओं ने कहा कि भारत की असली ताकत उसकी एकता में है, और विभाजनकारी ताकतों का मुकाबला सामूहिक रूप से करना होगा। उन्होंने इतिहास के ऐसे प्रसंगों का उल्लेख किया, जब आक्रामण के सामने चुप्पी ने देश को नुकसान पहुंचाया। सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि देशभक्ति केवल भावनाओं तक सीमित न रहकर कानूनी, सामाजिक और सांस्कृतिक कदमों में दिखाई देनी चाहिए।
संगठनों का सहयोग
यह आयोजन राष्ट्रीय हिंदू फ्रंट, असम प्रदेश द्वारा हिंदू युवा छात्र परिषद (असम), हिंदू सुरक्षा सेना (असम), हिंदू राष्ट्र दावा समिति (असम) और श्री श्री जोराबाड़ी सत्र पुनरुद्धार समिति के सहयोग से किया गया। आयोजकों ने कहा कि ऐसे संयुक्त प्रयास ही एकता का संदेश जन-जन तक पहुंचा सकते हैं।
जनभागीदारी की अपील
समापन के अवसर पर RHF नेतृत्व ने नागरिकों से आह्वान किया कि वे राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा में सक्रिय भूमिका निभाएं, विभाजनकारी विचारधाराओं के प्रति सतर्क रहें, सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सरकारी कदमों का समर्थन करें और साझा भारतीय पहचान को सुदृढ़ करने वाले सांस्कृतिक अभियानों में भाग लें।
गुवाहाटी में आयोजित यह अखंड भारत दिवस केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि देश की एकता, सुरक्षा और सांस्कृतिक आत्मविश्वास के लिए एक सशक्त जनआह्वान के रूप में सामने आया।