पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की अमेरिका में होगी मुलाकात, टैरिफ विवाद पर होगी चर्चा
भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को मिलेगी नई दिशा, वैश्विक मंच पर भी होगी बात
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सितंबर के अंत में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका जाएंगे।
- इस दौरान उनकी मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होने की पूरी संभावना है, जो दोनों नेताओं के बीच सात महीनों में दूसरी बैठक होगी।
- मुलाकात का मुख्य एजेंडा भारत और अमेरिका के बीच गहराते टैरिफ विवाद को सुलझाना होगा।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13 अगस्त – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने सितंबर के आखिरी सप्ताह में अमेरिका के दौरे पर जा सकते हैं। इस दौरे का औपचारिक मकसद संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की उच्च-स्तरीय बैठक में हिस्सा लेना है। हालांकि, कयास लगाए जा रहे हैं कि इस यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी द्विपक्षीय मुलाकात होगी। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देशों के बीच व्यापार और टैरिफ को लेकर तनाव चरम पर है। इस मुलाकात को दोनों देशों के बीच बिगड़े व्यापारिक संबंधों को सुधारने का एक बड़ा अवसर माना जा रहा है।
क्यों खास है पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात?
पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच आपसी तालमेल काफी अच्छा रहा है, लेकिन ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में व्यापार को लेकर उनका सख्त रुख दोनों देशों के रिश्तों में खटास पैदा कर रहा है। अमेरिका ने हाल ही में भारतीय उत्पादों पर 25% का अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, और रूसी तेल खरीदने के कारण 25% और टैरिफ बढ़ाकर कुल 50% कर दिया है। इसके जवाब में भारत ने भी जवाबी टैरिफ लगाने की तैयारी कर ली है। ऐसे में, दोनों नेताओं की मुलाकात व्यापारिक विवाद को सुलझाने के लिए बेहद अहम होगी। यह मुलाकात न केवल व्यापारिक संबंधों को पटरी पर लाने की कोशिश होगी, बल्कि द्विपक्षीय संबंधों के अन्य पहलुओं जैसे रक्षा, रणनीतिक सहयोग और भू-राजनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा का मंच बनेगी।
टैरिफ विवाद की जड़ क्या है?
भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक विवाद की मुख्य जड़ टैरिफ और बाजार पहुंच को लेकर है। राष्ट्रपति ट्रंप लंबे समय से भारत को ‘टैरिफ किंग’ कहते रहे हैं। अमेरिका की शिकायत है कि भारतीय बाजार में उनके उत्पादों को पर्याप्त पहुंच नहीं मिल रही है, खासकर कृषि और डेयरी उत्पादों के क्षेत्र में। इसके जवाब में भारत का रुख भी स्पष्ट है कि वह अपने किसानों और उत्पादकों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा। इसी खींचतान के बीच अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ की घोषणा कर दी। भारतीय वाणिज्य मंत्रालय ने भी इस मुद्दे पर पांच दौर की बातचीत की जानकारी दी है, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है।
मुलाकात में और क्या रहेगा खास?
व्यापार के अलावा, पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात में कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है। इसमें मिशन 500 जैसे द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य पर प्रगति, क्वाड (QUAD) शिखर सम्मेलन की तैयारियां और वैश्विक शांति व सुरक्षा जैसे मुद्दे शामिल हो सकते हैं। भारत और अमेरिका दोनों चीन की बढ़ती ताकत का मुकाबला करने के लिए एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी विकसित कर रहे हैं। ऐसे में, यह मुलाकात वैश्विक मंच पर दोनों देशों की साझेदारी को और मजबूत करने का संकेत देगी। विश्लेषकों का मानना है कि इस मुलाकात से दोनों देशों के बीच का संवाद फिर से शुरू होगा, जिससे कई लंबित मुद्दों को सुलझाने में मदद मिलेगी।