चुनाव आयोग ने विपक्ष के नेताओं को बुलाया, आरोपों पर होगी चर्चा
विपक्ष के 'वोट चोरी' और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोपों पर चुनाव आयोग करेगा सीधे बात।
- चुनाव आयोग ने विपक्षी नेताओं को उनके द्वारा लगाए गए आरोपों पर चर्चा करने के लिए अपने कार्यालय बुलाया है।
- कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कई राजनीतिक दलों की ओर से बिहार के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए बैठक का अनुरोध किया था।
- यह बैठक आज दोपहर 12 बजे निर्धारित है, जिसमें विपक्ष और आयोग के बीच आमने-सामने की बातचीत होगी।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11 अगस्त, 2025 – पिछले कुछ दिनों से विपक्षी दलों द्वारा चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। ‘वोट चोरी’ और मतदाता सूचियों में गड़बड़ी जैसे गंभीर आरोपों के बाद, चुनाव आयोग ने अब एक बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने विपक्षी नेताओं को अपने कार्यालय में एक बैठक के लिए बुलाया है। यह बैठक विपक्ष की उन शिकायतों पर चर्चा के लिए बुलाई गई है, जो उन्होंने हाल ही में विभिन्न मंचों पर उठाई हैं। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब विपक्षी दलों के करीब 300 सांसद आज ही संसद से चुनाव आयोग तक मार्च निकालने की योजना बना रहे हैं, हालांकि दिल्ली पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी है।
क्यों बुलाई गई है यह बैठक?
चुनाव आयोग ने यह बैठक कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा किए गए अनुरोध के जवाब में बुलाई है। जयराम रमेश ने कई विपक्षी राजनीतिक दलों की ओर से आयोग से मुलाकात का समय मांगा था। बैठक का मुख्य एजेंडा बिहार में मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और वोटर लिस्ट में कथित रूप से हो रही गड़बड़ियों पर चर्चा करना है। विपक्ष का आरोप है कि बिहार में सत्तारूढ़ दल के इशारे पर लाखों मतदाताओं के नाम हटाने का प्रयास किया जा रहा है। चुनाव आयोग इस बैठक के माध्यम से विपक्ष के आरोपों को सीधे तौर पर सुनना और उनका समाधान करना चाहता है।
क्या होगी चर्चा का विषय?
इस बैठक में मुख्य रूप से उन सभी आरोपों पर चर्चा होने की उम्मीद है जो विपक्षी नेता, खासकर राहुल गांधी, पिछले कुछ समय से उठा रहे हैं। इसमें वोटर लिस्ट में फर्जी नाम, एक ही व्यक्ति के कई नाम और जानबूझकर मतदाताओं के नाम हटाए जाने के आरोप शामिल हैं। इसके अलावा, ईवीएम और चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए गए हैं, जिन पर आयोग अपना पक्ष रख सकता है। यह बैठक चुनाव आयोग के लिए अपनी साख को बनाए रखने और खुद को एक निष्पक्ष संवैधानिक निकाय के रूप में साबित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
चुनाव आयोग की साख और विपक्ष का रुख
यह बैठक इस बात का संकेत है कि चुनाव आयोग विपक्ष के आरोपों को गंभीरता से ले रहा है। आयोग इस बैठक के माध्यम से विपक्ष को यह विश्वास दिलाना चाहता है कि चुनावी प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष है। वहीं, विपक्ष के लिए यह एक मौका है कि वे अपने सभी सबूत और शिकायतें सीधे आयोग के सामने रखें। इस बैठक के परिणाम पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। अगर विपक्ष आयोग के जवाब से संतुष्ट होता है, तो मौजूदा राजनीतिक तनाव कम हो सकता है। अन्यथा, यह मुद्दा और भी गहरा सकता है।