बिहार चुनाव से पहले नेताओं की सुरक्षा में बड़ा बदलाव, सम्राट चौधरी-तेजस्वी को Z प्लस, पप्पू यादव को Y प्लस सुरक्षा
समग्र समाचार सेवा
पटना, 11 अगस्त 2025— बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने छह बड़े नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था में अहम फेरबदल किया है। इन बदलावों के तहत उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, पूर्व उपमुख्यमंत्री और RJD नेता तेजस्वी यादव तथा पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव समेत अन्य नेताओं को उच्चस्तरीय सुरक्षा दी जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम मौजूदा सुरक्षा समीक्षा और खुफिया रिपोर्ट के आधार पर उठाया गया है।
सम्राट चौधरी को Z प्लस सुरक्षा
राज्य सरकार ने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की सुरक्षा श्रेणी को बढ़ाकर Z प्लस कर दिया है। यह देश की सबसे ऊंची सुरक्षा श्रेणियों में से एक है, जिसमें बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी—अक्सर 50 से अधिक—24 घंटे तैनात रहते हैं। इनके साथ बख्तरबंद वाहन, एस्कॉर्ट टीम और विशेष प्रशिक्षित कमांडो भी शामिल होते हैं। चुनावी दौर में उनकी यात्राओं और जनसभाओं के दौरान यह सुरक्षा और कड़ी की जाएगी।
तेजस्वी यादव को Z श्रेणी सुरक्षा
पूर्व उपमुख्यमंत्री और RJD के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव को अब Z श्रेणी की सुरक्षा मिलेगी। यह श्रेणी भी काफी उच्च स्तर की होती है, जिसमें करीब 20 से 30 सुरक्षाकर्मी हमेशा साथ रहते हैं। हालांकि यह Z प्लस से एक पायदान नीचे है, लेकिन नेताओं के सार्वजनिक कार्यक्रमों और भीड़ में आवाजाही के दौरान पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करती है।
पप्पू यादव को Y प्लस सुरक्षा
पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। उन्हें अब Y प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी। इस श्रेणी में लगभग 8 से 11 सुरक्षाकर्मी, जिनमें कुछ NSG या विशेष कमांडो भी शामिल होते हैं, हमेशा साथ रहते हैं। पप्पू यादव की सक्रिय जनसभाओं, सड़क यात्राओं और जनता से करीबी संपर्क के चलते उनके लिए यह सुरक्षा कवच और मजबूत किया गया है।
अन्य नेताओं की सुरक्षा में भी बढ़ोतरी
सुरक्षा बढ़ाए गए अन्य नेताओं में जेडीयू के वरिष्ठ नेता नीरज कुमार, बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू और अररिया के सांसद प्रदीप कुमार सिंह शामिल हैं। इनके सुरक्षा स्तर में भी सुधार किया गया है ताकि चुनावी प्रचार के दौरान किसी भी संभावित खतरे से बचाव सुनिश्चित हो सके।
बदलाव के पीछे की वजह
सूत्रों के मुताबिक, चुनावी मौसम में नेताओं की रैलियां, रोड शो और जनता से सीधा संपर्क काफी बढ़ जाता है, जिससे सुरक्षा जोखिम भी बढ़ जाते हैं। बड़ी भीड़, खुली सभाएं और सार्वजनिक स्थल पर बढ़ती सक्रियता के कारण नेताओं पर हमले या अवांछित घटनाओं का खतरा अधिक होता है। गृह विभाग ने इसी को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा स्तर की समीक्षा की और खुफिया रिपोर्ट के आधार पर श्रेणियों में बदलाव किया।
सुरक्षा का स्वरूप
Z प्लस: लगभग 50 से अधिक प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मी, बख्तरबंद वाहन, एस्कॉर्ट, 24 घंटे सुरक्षा घेरे में रहना।
Z श्रेणी: 20-30 सुरक्षाकर्मी, सशस्त्र गार्ड, सुरक्षित यात्रा के लिए एस्कॉर्ट वाहन।
Y प्लस श्रेणी: 8-11 सुरक्षाकर्मी, जिनमें कुछ कमांडो भी शामिल, व्यक्तिगत और सार्वजनिक कार्यक्रमों में तैनाती।
चुनाव में सुरक्षा का महत्व
बिहार जैसे राजनीतिक रूप से सक्रिय राज्य में, चुनाव के दौरान नेताओं की सुरक्षा न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा का मामला है, बल्कि यह चुनावी माहौल और कानून-व्यवस्था पर भी सीधा असर डालती है। सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होने से नेताओं के प्रचार कार्य निर्विघ्न रूप से चलते हैं और जनता के साथ उनका सीधा संवाद भी सुरक्षित वातावरण में संभव हो पाता है।
राज्य सरकार का यह फैसला चुनावी मौसम में नेताओं की सुरक्षा को लेकर गंभीरता और सतर्कता दोनों को दर्शाता है। अब यह देखना होगा कि इन सख्त सुरक्षा प्रबंधों के बीच चुनावी अभियान किस तरह आगे बढ़ता है।