बड़ा हादसा टला: एयर इंडिया की फ्लाइट में सांसदों की जान बची, चेन्नई में हुई इमरजेंसी लैंडिंग
विमान में सवार कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने पूरे अनुभव को 'भयावह' बताया, जांच की मांग की।
- तिरुवनंतपुरम से दिल्ली आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI 2455 में सवार कई सांसदों और यात्रियों की जान बाल-बाल बची।
- विमान में तकनीकी खराबी और खराब मौसम की वजह से इसे चेन्नई डायवर्ट किया गया, जहां पायलट की सूझबूझ ने बड़ा हादसा टाल दिया।
- कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल के दावे के अनुसार, चेन्नई में लैंडिंग के पहले प्रयास के दौरान रनवे पर एक और विमान था, जिसके बाद पायलट ने विमान को फिर से ऊपर उठा लिया।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11 अगस्त – तिरुवनंतपुरम से दिल्ली आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI 2455 में सवार कई सांसदों और सैकड़ों यात्रियों की जान उस समय बाल-बाल बच गई, जब विमान को चेन्नई में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। यह घटना तब हुई जब विमान में तकनीकी खराबी का संदेह था और रास्ते में खराब मौसम की वजह से पायलट ने इसे चेन्नई एयरपोर्ट पर डायवर्ट करने का फैसला किया। हालांकि, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दावा किया है कि चेन्नई में पहली बार लैंडिंग की कोशिश के दौरान रनवे पर एक और विमान मौजूद था, जिसके बाद पायलट ने तुरंत विमान को फिर से हवा में उठा लिया और सभी यात्रियों की जान बच गई।
क्या था पूरा मामला और कौन थे सवार?
यह घटना रविवार देर रात की है। तिरुवनंतपुरम से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की इस फ्लाइट में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ-साथ केरल के कई अन्य सांसद जैसे कोडिकुन्निल सुरेश, अडूर प्रकाश और के. राधाकृष्णन भी सवार थे। उड़ान भरने के बाद विमान को तेज टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा और करीब एक घंटे बाद कैप्टन ने ‘फ्लाइट सिग्नल फॉल्ट’ की घोषणा की। इसके बाद विमान को चेन्नई की ओर मोड़ दिया गया। हालांकि, एयर इंडिया ने अपने आधिकारिक बयान में ‘रनवे पर दूसरे विमान’ के दावे को खारिज कर दिया है, लेकिन केसी वेणुगोपाल ने इस घटना को ‘भयावह त्रासदी’ के बेहद करीब बताया।
क्यों हुई इमरजेंसी लैंडिंग?
एयर इंडिया के प्रवक्ता के अनुसार, विमान को तकनीकी समस्या और खराब मौसम की स्थिति के कारण एहतियात के तौर पर चेन्नई के लिए डायवर्ट किया गया था। इस घटना के बाद विमान को दो घंटे तक हवा में ही चक्कर लगाने पड़े, क्योंकि उसे लैंडिंग की अनुमति नहीं मिल रही थी। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बताया कि “करीब दो घंटे तक हम चेन्नई एयरपोर्ट के ऊपर चक्कर लगाते रहे। लैंडिंग के पहले प्रयास में एक डरावना पल आया, जब रनवे पर एक और विमान मौजूद था। उस पल में कैप्टन के त्वरित निर्णय ने सभी लोगों की जान बचा ली।” हालांकि, एयर इंडिया का कहना है कि यह ‘गो-अराउंड’ निर्देश एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) ने दिया था, न कि रनवे पर किसी दूसरे विमान की वजह से।
एविएशन सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना ने एविएशन सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। केसी वेणुगोपाल ने इस मामले की तत्काल जांच की मांग की है और कहा है कि “यात्रियों की सुरक्षा भाग्य पर निर्भर नहीं हो सकती।” उन्होंने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इस घटना की जांच करने और जवाबदेही तय करने का आग्रह किया है। यह घटना इस बात पर जोर देती है कि पायलटों की सूझबूझ और एयर ट्रैफिक कंट्रोल के बीच बेहतर समन्वय कितना महत्वपूर्ण है। फिलहाल एयर इंडिया ने प्रभावित यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की है और विमान की जांच जारी है।