शकुन रानी डबल वोटिंग मामला: कर्नाटक के CEO का राहुल गांधी को पत्र, सबूत मांगे
चुनाव आयोग ने कहा- आरोपों को साबित करें, अन्यथा इस तरह के बयानों से बचकर आयोग पर भरोसा रखें।
- कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ने राहुल गांधी को एक पत्र लिखकर उनसे शकुन रानी के डबल वोटिंग के आरोप पर सबूत मांगे हैं।
- राहुल गांधी ने 7 अगस्त को बेंगलुरु की महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में मतदाता धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए शकुन रानी का उदाहरण दिया था।
- सीईओ ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया कि शकुन रानी ने केवल एक बार वोट डाला था और राहुल गांधी द्वारा दिखाया गया ‘टिक मार्क’ वाला दस्तावेज मतदान अधिकारी ने जारी नहीं किया था।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10 अगस्त – लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा ‘वोट चोरी’ को लेकर लगाए गए आरोपों के बाद, अब कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ने उन्हें पत्र लिखकर सबूत मांगे हैं। राहुल गांधी ने 7 अगस्त को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बेंगलुरु की महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में मतदाता धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। उन्होंने शकुन रानी नाम की एक महिला का उदाहरण देते हुए दावा किया था कि उन्होंने दो बार मतदान किया था। सीईओ ने अपने पत्र में राहुल गांधी से उन दस्तावेजों को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है, जिनके आधार पर उन्होंने यह निष्कर्ष निकाला।
क्या है ‘शकुन रानी’ डबल वोटिंग का मामला?
7 अगस्त को राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाते हुए कहा था कि देश भर की मतदाता सूचियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी है। उन्होंने कर्नाटक की मतदाता सूची से शकुन रानी नामक महिला का उदाहरण दिया। राहुल गांधी ने कहा था कि इस महिला ने दो बार मतदान किया है, जिससे यह साबित होता है कि चुनाव आयोग के पास फर्जी वोटरों की पहचान करने के लिए कोई पुख्ता तंत्र नहीं है। उन्होंने एक दस्तावेज भी दिखाया था, जिसमें कथित तौर पर ‘टिक मार्क’ लगा हुआ था, जो उनके दावे का आधार था।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने पत्र में क्या कहा?
कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल गांधी के आरोपों के बाद एक प्रारंभिक जांच की। इस जांच में पाया गया कि शकुन रानी ने केवल एक बार मतदान किया था। सीईओ ने अपने पत्र में लिखा कि राहुल गांधी द्वारा दिखाया गया ‘टिक मार्क’ वाला दस्तावेज किसी भी मतदान अधिकारी द्वारा जारी नहीं किया गया था। अधिकारी ने राहुल गांधी से उन दस्तावेजों को साझा करने का अनुरोध किया है, जिनके आधार पर उन्होंने यह निष्कर्ष निकाला कि शकुन रानी ने दो बार मतदान किया था। इसके अलावा, सीईओ ने राहुल गांधी से उन सभी मतदाताओं के नामों के साथ एक घोषणा/शपथ पत्र जमा करने का भी अनुरोध किया है, जिन्हें उन्होंने अयोग्य बताया है, ताकि आवश्यक कार्यवाही शुरू की जा सके।
चुनाव आयोग की भूमिका और निष्पक्षता
इस तरह के आरोप और उस पर चुनाव आयोग की त्वरित प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि आयोग अपनी निष्पक्षता और कार्यप्रणाली को लेकर कितना गंभीर है। यह मामला चुनाव आयोग के लिए एक अवसर है, जिसके माध्यम से वह राजनीतिक दलों के आरोपों पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर सकता है। सीईओ ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि यदि राहुल गांधी अपने आरोप साबित करने में असमर्थ रहते हैं, तो उन्हें इस तरह के बयानों से बचकर चुनाव आयोग पर भरोसा रखना चाहिए। यह घटना यह भी दिखाती है कि चुनाव आयोग बिना किसी राजनीतिक दबाव के काम करता है और किसी भी आरोप की सच्चाई की तह तक जाने के लिए प्रतिबद्ध है।