टीएमसी में घमासान: कल्याण बनर्जी ने महुआ मोइत्रा को बताया ‘बेकार’
लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी में बढ़ी कलह, बीजेपी को मिला हमला करने का मौका।
- तृणमूल कांग्रेस (TMC) के वरिष्ठ सांसद कल्याण बनर्जी ने अपनी ही पार्टी की नेता महुआ मोइत्रा को ‘बेकार महिला’ बताया है।
- दोनों नेताओं के बीच यह तकरार तब शुरू हुई जब महुआ मोइत्रा ने बिना नाम लिए ‘सूअर’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था।
- कल्याण बनर्जी ने माना कि महुआ मोइत्रा के कारण वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी ‘अप्रिय टिप्पणी’ कर चुके हैं, जिसका उन्हें अब पछतावा है।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10 अगस्त – पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) के भीतर की आंतरिक कलह अब खुलकर सामने आ गई है। पार्टी के दिग्गज नेता और सांसद कल्याण बनर्जी ने अपनी ही पार्टी की नेता और पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा को एक ‘बेकार महिला’ और ‘लो-स्टैंडर्ड’ कहकर संबोधित किया है। कल्याण बनर्जी ने कहा कि वह अपना समय और ऊर्जा महुआ मोइत्रा जैसी ‘बेकार महिला’ पर खर्च नहीं करना चाहते। उनके इस बयान ने बंगाल की राजनीति में हड़कंप मचा दिया है और भाजपा जैसी विरोधी पार्टियों को हमला करने का नया मौका मिल गया है।
क्यों हुआ कल्याण बनर्जी का बयान वायरल?
यह विवाद तब शुरू हुआ था, जब महुआ मोइत्रा ने एक इंटरव्यू में कल्याण बनर्जी पर निशाना साधते हुए बिना नाम लिए ‘सूअर’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था। महुआ ने कहा था, “आप सूअर से कुश्ती नहीं लड़ सकते, क्योंकि सूअर को कीचड़ पसंद है और आप गंदे हो जाते हैं।” इस टिप्पणी के बाद कल्याण बनर्जी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए महुआ मोइत्रा के लिए ‘बेकार महिला’ और ‘लो-स्टैंडर्ड’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। बनर्जी यहीं नहीं रुके, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि महुआ के साथ चल रही तनातनी के कारण वह एक समय पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बारे में भी ‘अप्रिय बयान’ दे चुके थे, जिसका अब उन्हें पछतावा है।
ममता बनर्जी की पार्टी में आंतरिक कलह
कल्याण बनर्जी और महुआ मोइत्रा के बीच चल रही यह तकरार पहली बार नहीं है। पिछले कुछ समय से दोनों नेता सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे पर हमलावर रहे हैं। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब अगले साल की शुरुआत में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में, पार्टी के दो बड़े नेताओं के बीच की यह तनातनी टीएमसी के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पार्टी के भीतर लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही खींचतान चल रही है, जिसने अब यह सार्वजनिक रूप ले लिया है।
भाजपा को मिला हमला करने का मौका
कल्याण बनर्जी के इस बयान ने भाजपा को तृणमूल कांग्रेस पर हमला करने का एक बड़ा मौका दे दिया है। भाजपा नेता इस घटना को टीएमसी में बढ़ती गुटबाजी और अनुशासनहीनता का सबूत बता रहे हैं। उनका कहना है कि जब पार्टी के नेता ही एक-दूसरे को ‘बेकार’ और ‘निचले स्तर का’ कह रहे हैं, तो इससे पता चलता है कि ममता बनर्जी अपनी पार्टी पर से नियंत्रण खो रही हैं। बंगाल में चुनाव से पहले टीएमसी का एकजुट दिखना बहुत जरूरी है, लेकिन इस तरह की बयानबाजी पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा सकती है।