हरियाणा CEO का राहुल गांधी को पत्र, मांगी ‘साइन की हुई घोषणा’
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा- आरोपों की जांच के लिए जरूरी है लिखित दस्तावेज, 10 दिन का दिया गया है समय।
- रियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को एक रिमाइंडर पत्र भेजा है।
- पत्र में राहुल गांधी से 7 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए गए वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोपों से संबंधित हस्ताक्षरित घोषणापत्र मांगा गया है।
- चुनाव आयोग ने कहा है कि अगर वह आरोप साबित नहीं कर पाते हैं तो उन्हें देश से माफी मांगनी होगी।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10 अगस्त, 2025 – हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को एक पत्र भेजा है, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। यह पत्र राहुल गांधी द्वारा 7 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरियाणा, कर्नाटक और महाराष्ट्र की वोटर लिस्ट में कथित गड़बड़ी को लेकर लगाए गए आरोपों से संबंधित है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल गांधी से इन आरोपों को साबित करने के लिए एक हस्ताक्षरित घोषणापत्र (signed affidavit) 10 दिनों के भीतर जमा करने को कहा है। चुनाव आयोग ने कहा है कि अगर वह अपने आरोपों को लिखित में प्रमाणित नहीं कर पाते हैं तो उन्हें देश से माफी मांगनी होगी।
क्या है मुख्य निर्वाचन अधिकारी का पत्र?
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 9 अगस्त को भेजे गए अपने पत्र में साफ तौर पर कहा है कि राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाया था। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, चुनाव आयोग ने इस मामले की गहन जांच करने का फैसला किया है। जांच को आगे बढ़ाने के लिए, आयोग को राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित लिखित दस्तावेज और एक हस्ताक्षरित घोषणापत्र की आवश्यकता है। यह पत्र चुनाव आयोग के नियमों, विशेष रूप से जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और मतदाता पंजीकरण नियम 1960 के तहत भेजा गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि बिना लिखित सबूत के किसी भी आरोप की जांच करना संभव नहीं है।
किस घोषणा से जुड़ा है ये मामला?
दरअसल, राहुल गांधी ने 7 अगस्त को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि हरियाणा की वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हो रहा है। उन्होंने कहा था कि कई जगहों पर एक ही नाम और फोटो के साथ कई वोटर दर्ज हैं, जबकि कई सही वोटरों के नाम जानबूझकर हटा दिए गए हैं। उन्होंने इस ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाया था। चुनाव आयोग ने इन्हीं आरोपों पर कार्रवाई करते हुए उनसे कहा है कि वह अपने आरोपों से जुड़े सभी दस्तावेज और साक्ष्य लिखित में एक हस्ताक्षरित घोषणापत्र के साथ जमा करें।
राजनीतिक गलियारों में हलचल और आगे की राह
इस पत्र के बाद राजनीतिक हलकों में तीखी बहस छिड़ गई है। भाजपा ने राहुल गांधी को उनके आरोपों के लिए घेरा है और उनसे माफी मांगने की मांग की है। वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि वे चुनाव आयोग के साथ पूरा सहयोग करेंगे। यह घटना चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली की निष्पक्षता और सख्त नियमों को भी दर्शाती है। आयोग ने स्पष्ट संदेश दिया है कि किसी भी राजनीतिक दल या नेता को बिना सबूत के आरोप लगाने की छूट नहीं दी जाएगी। अब सभी की निगाहें राहुल गांधी पर टिकी हैं कि वह 10 दिनों के भीतर क्या जवाब देते हैं।