झारखंड: बाबा बैद्यनाथ मंदिर में जबरन प्रवेश, BJP सांसदों के खिलाफ FIR दर्ज

मंदिर की 'पंडा धर्मरक्षिणी सभा' ने दर्ज कराई शिकायत, सांसदों ने आरोप को खारिज करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया।

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  • झारखंड के देवघर में बाबा बैद्यनाथ मंदिर के गर्भगृह में जबरन प्रवेश करने के आरोप में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
  • शिकायत के अनुसार, श्रावणी मेले के दौरान वीआईपी दर्शन और गर्भगृह में प्रवेश पर रोक थी, इसके बावजूद सांसदों ने नियमों का उल्लंघन किया।
  • इस मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है, जहां निशिकांत दुबे ने इसे झारखंड सरकार की बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया है।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10 अगस्त, 2025 – झारखंड के देवघर स्थित विश्व प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ मंदिर में प्रवेश को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा के दो सांसदों, निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी, के खिलाफ मंदिर के गर्भगृह में जबरन घुसने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। इस घटना ने न सिर्फ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का आरोप लगाया है, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हंगामा खड़ा कर दिया है। यह एफआईआर पंडा धर्मरक्षिणी सभा के पूर्व महामंत्री कार्तिकनाथ ठाकुर की शिकायत पर 7 अगस्त को दर्ज कराई गई।

क्या है मंदिर प्रवेश का पूरा मामला?

पंडा धर्मरक्षिणी सभा के पूर्व महामंत्री कार्तिकनाथ ठाकुर ने अपनी शिकायत में बताया है कि यह घटना 2 अगस्त को हुई थी, जब श्रावणी मेले का महीना चल रहा था। श्रावण के दौरान भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने वीवीआईपी दर्शन और गर्भगृह में प्रवेश पर पाबंदी लगा रखी थी। आरोप है कि सांसद निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी, उनके पुत्र और कुछ अन्य समर्थकों ने सभी प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए जबरन गर्भगृह में प्रवेश करने की कोशिश की। शिकायत में यह भी कहा गया है कि जब निकास द्वार पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका तो उनसे धक्का-मुक्की की गई, जिससे मंदिर परिसर में भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई थी।

सांसदों की प्रतिक्रिया और राजनीतिक रुख

इस एफआईआर के दर्ज होने के बाद, दोनों सांसदों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर लिखा कि झारखंड सरकार ने उन पर अब तक 51 केस दर्ज किए हैं और यह नया केस सिर्फ पूजा करने के कारण किया गया है। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि वे गिरफ्तारी देने के लिए सीधे देवघर एयरपोर्ट से पुलिस थाने जाएंगे। हालांकि, जब वे थाने पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें यह कहते हुए गिरफ्तार करने से मना कर दिया कि एफआईआर की कॉपी अभी कोर्ट नहीं पहुंची है। दूसरी तरफ, झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इसे पूरी तरह से राजनीतिक साजिश बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन सरकार भाजपा नेताओं को परेशान करने के लिए इस तरह के झूठे मुकदमे दर्ज करा रही है।

आगे की कार्रवाई और विवाद का भविष्य

फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि वे सभी पक्षों से पूछताछ कर रही है। हालांकि, निशिकांत दुबे ने इस मामले को लेकर लोकसभा स्पीकर के सामने झारखंड के मुख्य सचिव और डीजीपी समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाते हुए शिकायत भी दर्ज कराई है। यह घटना जहां एक ओर धार्मिक प्रोटोकॉल के उल्लंघन का मुद्दा है, वहीं दूसरी ओर इसे झारखंड की राजनीतिक लड़ाई के रूप में भी देखा जा रहा है, जिसका सीधा असर राज्य की सियासत पर पड़ सकता है।

 

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