जापान : अणु हमले की बरसी पर 80 साल बाद बजीं कैथेड्रल की जुड़वाँ घंटियाँ

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समग्र समाचार सेवा
नागासाकी, 9 अगस्त– जापान के नागासाकी शहर में आज अमेरिकी परमाणु हमले की 80वीं बरसी पर विशेष आयोजन किया गया। इस अवसर पर नागासाकी के इमैक्युलेट कंसेप्शन कैथेड्रल (उराकामी कैथेड्रल) की जुड़वाँ घंटियाँ 80 साल बाद पहली बार एक साथ बजीं।

शनिवार सुबह शहरवासी और दुनियाभर से आए प्रतिनिधि कैथेड्रल में एकत्र हुए, जहाँ  ठीक 11:02 बजे – वही समय जब 9 अगस्त 1945 को अमेरिका ने नागासाकी पर परमाणु बम गिराया था – दोनों घंटियों की ध्वनि गूंजी। यह क्षण न केवल ऐतिहासिक था, बल्कि शांति और पुनर्निर्माण का प्रतीक भी बन गया।

इतिहास की दर्दनाक गूँज

द्वितीय विश्व युद्ध के अंतिम दिनों में, अमेरिका ने 6 अगस्त को हिरोशिमा और 9 अगस्त को नागासाकी पर परमाणु बम गिराया था। नागासाकी में करीब 74,000 और हिरोशिमा में लगभग 1,40,000 लोग मारे गए थे। इसके छह दिन बाद, 15 अगस्त 1945 को जापान ने आत्मसमर्पण किया और युद्ध समाप्त हुआ।

नागासाकी का उराकामी कैथेड्रल बम विस्फोट के केंद्र (हाइपोसेन्टर) से कुछ सौ मीटर की दूरी पर था और पूरी तरह ध्वस्त हो गया था। मलबे में से केवल एक घंटी बचाई जा सकी थी, जिसे बाद में पुनर्निर्मित कैथेड्रल के टॉवर में लगाया गया। 1959 में चर्च का पुनर्निर्माण पूरा हुआ, लेकिन दूसरी घंटी का अभाव हमेशा महसूस किया जाता रहा।

अमेरिका से आया सहयोग

नई घंटी का निर्माण अमेरिकी कैथोलिक समुदाय के सहयोग से संभव हुआ। यह पहल अमेरिका के मैसाचुसेट्स स्थित विलियम्स कॉलेज के समाजशास्त्र प्रोफेसर जेम्स नोलन ने शुरू की। नोलन के दादा मैनहट्टन प्रोजेक्ट में शामिल थे, जिसने अमेरिका के पहले परमाणु हथियार बनाए थे। नागासाकी में शोध के दौरान, एक जापानी ईसाई ने नोलन से कहा कि वह फिर से कैथेड्रल की दोनों घंटियों की आवाज सुनना चाहता है।

इससे प्रेरित होकर नोलन ने पूरे अमेरिका में चर्चों में व्याख्यान श्रृंखला आयोजित की और करीब 1,25,000 डॉलर जुटाए। इस धन से दूसरी घंटी बनाई गई, जिसे इस वर्ष की शुरुआत में नागासाकी लाया गया।

वैश्विक उपस्थिति और संदेश

इस वर्ष की स्मृति सभा में करीब 100 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए, जिनमें रूस और इज़रायल भी थे। रूस को 2022 में यूक्रेन युद्ध के बाद से आमंत्रित नहीं किया गया था, वहीं पिछले वर्ष गाजा युद्ध के कारण इज़रायल के राजदूत को निमंत्रण नहीं मिला था।

जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने पीस पार्क में पीड़ितों की स्मृति में पुष्पांजलि अर्पित की। कैथेड्रल के मुख्य पादरी केनइची यामामुरा ने कहा – “यह केवल अतीत के घाव भूलने की बात नहीं है, बल्कि उन्हें स्वीकार कर, मरम्मत और पुनर्निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाने का प्रतीक है। यही मानवता की महानता है।”

आज नागासाकी में बजती जुड़वां घंटियों की आवाज़ ने दुनिया को यह संदेश दिया कि शांति केवल इतिहास से सीखकर और एकजुट होकर ही संभव है।

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