समग्र समाचार सेवा
गुवाहाटी, 9 अगस्त, 2025: गुवाहाटी का लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा (एलजीबीआईए) अपनी अद्वितीय डिजाइन और बेहतरीन शहरी योजना के लिए वैश्विक स्तर पर सम्मानित हुआ है। एयरपोर्ट को ‘इंटरनेशनल आर्किटेक्चरल अवार्ड 2025’ के ट्रांसपोर्ट श्रेणी में चुना गया है। यह सम्मान प्रतिवर्ष द शिकागो एथेनेयम: म्यूजियम ऑफ आर्किटेक्चर एंड डिजाइन, द यूरोपियन सेंटर फॉर आर्किटेक्चर आर्ट डिजाइन एंड अर्बन स्टडीज तथा मेट्रोपॉलिटन आर्ट्स प्रेस, लिमिटेड द्वारा प्रदान किया जाता है। इस वर्ष केवल सात एयरपोर्ट्स को यह सम्मान मिला है, जिनमें गुवाहाटी एयरपोर्ट भी शामिल है।
पूर्वोत्तर भारत का आधुनिक प्रवेश द्वार
असम में स्थित गुवाहाटी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पूर्वोत्तर को भारत और दुनिया से जोड़ने वाला अहम विमानन केंद्र है। इसका संचालन अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड द्वारा किया जाता है। हाल के वर्षों में यहां बड़े पैमाने पर पुनर्विकास कार्य चल रहे हैं, जिनका उद्देश्य है— ढांचे का आधुनिकीकरण, यात्री सेवाओं को सुगम बनाना और बढ़ते हवाई यातायात की मांग को पूरा करना।
प्रकृति और संस्कृति से प्रेरित डिजाइन
एयरपोर्ट के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर इस उपलब्धि की घोषणा करते हुए लिखा गया, “हमें गर्व है कि नया #GuwahatiAirport T2 इंटरनेशनल आर्किटेक्चरल अवार्ड 2025 (ट्रांसपोर्ट श्रेणी) से सम्मानित हुआ है।”
एयरपोर्ट की वास्तुकला को पूर्वोत्तर भारत की प्राकृतिक और सांस्कृतिक संपदा का प्रतीक बताया गया है। संरचना में बांस की मजबूती और फॉक्सटेल ऑर्किड के सौंदर्य से प्रेरणा ली गई है। यह डिजाइन न केवल दर्शनीय है, बल्कि क्षेत्र की जैव विविधता, प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक गहराई को भी दर्शाता है।
सतत विकास और ऊर्जा दक्षता का उदाहरण
गुवाहाटी एयरपोर्ट का डिजाइन केवल सुंदरता पर ही नहीं, बल्कि स्थिरता, ऊर्जा दक्षता और कम कार्बन उत्सर्जन पर भी केंद्रित है। इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं—
खुला प्लान लेआउट और स्काईलाइट्स, जिससे अधिकतम प्राकृतिक रोशनी का उपयोग हो सके।
इनडोर गार्डन और वर्टिकल ग्रीन वॉल्स, जो वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाते हैं।
‘अराइवल फॉरेस्ट’ — रनवे से टर्मिनल तक आते समय यात्रियों को हरियाली और प्राकृतिक रोशनी से घिरा शांत वातावरण मिलता है।
नया टर्मिनल प्रति वर्ष 1 करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता रखता है। उन्नत बैगेज हैंडलिंग सिस्टम, यात्रियों की आवाजाही में सुगमता और आधुनिक सुविधाओं के साथ यह एयरपोर्ट न केवल पूर्वोत्तर का गौरव है, बल्कि भारत के उभरते विमानन बुनियादी ढांचे का प्रतीक भी बन गया है।
गुवाहाटी एयरपोर्ट की यह उपलब्धि न केवल असम, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है, जो बताती है कि भारतीय वास्तुकला और शहरी योजना वैश्विक मंच पर किस तरह अपनी पहचान बना रही है।