शिबू सोरेन के निधन पर पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- ‘वे जमीनी नेता थे’

झारखंड के दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन से राजनीतिक जगत में शोक की लहर, पीएम मोदी समेत तमाम नेताओं ने दी श्रद्धांजलि।

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  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
  • पीएम मोदी ने उन्हें ‘जमीनी नेता’ बताया, जिन्होंने आदिवासियों और गरीबों के सशक्तिकरण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
  • उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से फोन पर बात कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और शोक संतप्त परिवार के प्रति सहानुभूति जताई।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4 अगस्त, 2025 – झारखंड की राजनीति के ‘गुरुजी’ और दिशोम गुरु’ के नाम से विख्यात झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन का सोमवार को निधन हो गया। उनके निधन की खबर सुनते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें एक ‘जमीनी नेता’ बताया, जिन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों की सेवा में लगा दिया। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से फोन पर बात कर शोक संतप्त परिवार के प्रति सहानुभूति भी जताई।

पीएम मोदी का भावुक शोक संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा, “श्री शिबू सोरेन जी एक जमीनी नेता थे, जिन्होंने जनता के प्रति अटूट समर्पण के साथ सार्वजनिक जीवन में ऊंचाइयों को छुआ। वे विशेष रूप से आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित थे। उनके निधन से दुःख हुआ। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी से बात की और संवेदना व्यक्त की। ओम शांति।” प्रधानमंत्री के इस संदेश ने शिबू सोरेन के राजनीतिक कद और समाज के प्रति उनके योगदान को दर्शाया, जिसे उनके विरोधी भी हमेशा स्वीकार करते रहे हैं।

‘दिशोम गुरु’ का अतुलनीय राजनीतिक सफर

शिबू सोरेन, जिनका जन्म 11 जनवरी 1944 को हुआ था, ने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा आदिवासियों के अधिकारों और अलग झारखंड राज्य के लिए संघर्ष में बिताया। 1973 में उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की और इस आंदोलन को एक नई दिशा दी। उनके प्रयासों का ही नतीजा था कि 2000 में झारखंड राज्य अस्तित्व में आया। उन्होंने तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभाला और केंद्रीय राजनीति में भी सक्रिय रहे, जहाँ उन्होंने कोयला मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद भी संभाले। उन्हें उनके अनुयायी ‘दिशोम गुरु’ (दिशा दिखाने वाला गुरु) कहकर पुकारते थे।

राष्ट्रपति और अन्य नेताओं ने भी दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री मोदी के अलावा, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी समेत तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं ने शिबू सोरेन के निधन पर शोक व्यक्त किया है। राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संदेश में कहा, “श्री शिबू सोरेन जी का निधन सामाजिक न्याय के क्षेत्र में एक बड़ी क्षति है।” गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें जनजातीय समाज के अधिकारों के लिए दशकों तक संघर्ष करने वाला नेता बताया। सभी नेताओं ने एक स्वर में शिबू सोरेन के निधन को भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति बताया है।

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