पहलगाम आतंकी हमला: मारे गए आतंकियों के पास मिले पाकिस्तानी वोटर कार्ड
पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकियों के पाकिस्तानी नागरिक होने का खुलासा, भारत ने पाकिस्तान को दिया सीधा संदेश।
- पहलगाम आतंकी हमले में सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए आतंकियों के पास से पाकिस्तानी वोटर कार्ड बरामद हुए हैं।
- गृह मंत्रालय के सूत्रों ने इन दस्तावेजों की पुष्टि की है, जिससे भारत में सीमा पार आतंकवाद के ठोस सबूत मिले हैं।
- इन आतंकियों की पहचान सुलेमान शाह, अबू हमजा और यासिर जिब्रान के रूप में हुई है, जो पाकिस्तान के लाहौर और गुजरांवाला के मतदाता थे।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4 अगस्त, 2025 – जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शामिल आतंकियों के मारे जाने के बाद, एक बड़ा खुलासा हुआ है। गृह मंत्रालय के सूत्रों ने यह पुष्टि की है कि मारे गए आतंकियों के पास से पाकिस्तानी वोटर कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेज मिले हैं। यह ठोस सबूत इस बात को साबित करते हैं कि यह हमला सीमा पार से सुनियोजित था और इसमें कोई भी स्थानीय कश्मीरी शामिल नहीं था। इस खुलासे के बाद भारत सरकार ने आतंकवाद पर अपने रुख को और कड़ा कर दिया है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब करने की तैयारी की जा रही है।
ऑपरेशन महादेव में हुआ था आतंकियों का सफाया
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत एक बड़ा अभियान चलाया था। इस ऑपरेशन में सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त प्रयासों से श्रीनगर के पास दाचीगाम के जंगलों में तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया था। ये वही आतंकी थे जिन्होंने पहलगाम में निहत्थे नागरिकों पर हमला किया था। सुरक्षा बलों ने इनके पास से सिर्फ हथियार ही नहीं, बल्कि कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और गैजेट्स भी बरामद किए थे, जिनकी जांच के बाद यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ।
पाकिस्तानी वोटर कार्ड और बायोमेट्रिक डेटा ने खोली पोल
मारे गए आतंकियों, सुलेमान शाह और अबू हमजा की जेबों से पाकिस्तान चुनाव आयोग द्वारा जारी दो वोटर स्लिप मिली थीं। इन पर्चियों पर दर्ज वोटर सीरियल नंबर लाहौर (NA-125) और गुजरांवाला (NA-79) की वोटर लिस्ट से मेल खाते हैं। इसके अलावा, आतंकियों के पास से एक सैटेलाइट फोन से मिली माइक्रो-SD कार्ड से उनके बायोमेट्रिक डेटा (फिंगरप्रिंट, फेस टेम्पलेट) भी मिले, जो पाकिस्तान के NADRA (नेशनल डेटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी) के डेटाबेस से जुड़े थे। इन सबूतों ने बिना किसी संदेह के उनकी पाकिस्तानी नागरिकता की पुष्टि कर दी है।
सीमा पार आतंकवाद पर भारत का रुख
यह पहला मौका नहीं है जब जम्मू-कश्मीर में मारे गए आतंकियों के पास से पाकिस्तानी दस्तावेज मिले हों, लेकिन इस बार मिले सबूत इतने पुख्ता हैं कि इनसे पाकिस्तान का अंतरराष्ट्रीय मंच पर बचाव करना मुश्किल हो जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में भी इस बात की पुष्टि की थी और कहा था कि भारत आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम है। इस खुलासे के बाद भारत सरकार पाकिस्तान पर और भी कूटनीतिक दबाव बनाने की तैयारी कर रही है। यह घटना दर्शाती है कि पाकिस्तान लगातार भारत में आतंकवाद फैलाने की कोशिश कर रहा है।