कमल हासन का बड़ा बयान: ‘शिक्षा ही सनातन की बेड़ियां तोड़ेगी’

तमिलनाडु की राजनीति में फिर गरमाया सनातन धर्म का मुद्दा, कमल हासन का बयान बन सकता है नए विवाद की वजह।

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  • अभिनेता और राज्यसभा सांसद कमल हासन ने सनातन धर्म को लेकर तीखी टिप्पणी की है।
  • उन्होंने कहा कि शिक्षा ही वह प्रभावी हथियार है, जो ‘तानाशाही और सनातन जैसी जंजीरों’ को तोड़ सकती है।
  • कमल हासन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में सनातन धर्म को लेकर राजनीतिक बहस तेज हो रही है।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4 अगस्त, 2025 – भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और राज्यसभा सांसद कमल हासन ने एक बार फिर सनातन धर्म को लेकर बड़ा बयान देकर सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। अपने बयानों से अक्सर सुर्खियां बटोरने वाले कमल हासन ने इस बार शिक्षा को सनातन विचारधारा की ‘बेड़ियों’ को तोड़ने वाला सबसे प्रभावी हथियार बताया है। उनका यह बयान उस समय आया है जब देश में सनातन धर्म को लेकर राजनीतिक बहस पहले से ही तेज है, और अब उनके इस बयान से यह मुद्दा और भी गरमा सकता है।

क्या कहा कमल हासन ने अपने बयान में?

कमल हासन, जो लंबे समय से एक तर्कवादी और नास्तिक के रूप में जाने जाते हैं, ने अपने बयान में सनातन धर्म पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा, “शिक्षा ही वह एकमात्र प्रभावी हथियार है जो तानाशाही और सनातन जैसी जंजीरों को तोड़ सकती है।” उनका मानना है कि शिक्षा लोगों को अपने अधिकारों और असमानताओं के बारे में जागरूक करती है, जिससे वे पुरानी और रूढ़िवादी सोच से बाहर निकल पाते हैं। यह पहली बार नहीं है जब कमल हासन ने सनातन धर्म पर टिप्पणी की है। वह पहले भी कह चुके हैं कि सनातन धर्म सामाजिक असमानता और जातिगत भेदभाव को बढ़ावा देता है, जो उनकी विचारधारा से मेल नहीं खाता।

पेरियार की विरासत और कमल हासन की विचारधारा

कमल हासन का यह बयान तमिलनाडु के बड़े सामाजिक सुधार आंदोलन, जिसे ई.वी. रामासामी ‘पेरियार’ ने शुरू किया था, की विरासत को आगे बढ़ाता हुआ प्रतीत होता है। पेरियार ने ब्राह्मणवाद और जातिगत भेदभाव के खिलाफ एक मजबूत तर्कवादी आंदोलन चलाया था। कमल हासन ने अपने बयानों में अक्सर पेरियार की विचारधारा को उद्धृत किया है। उनके मुताबिक, पेरियार ने समाज को अंधविश्वास और कुरीतियों से मुक्त कराने का सपना देखा था, और शिक्षा ही उस सपने को पूरा करने का एकमात्र रास्ता है। कमल हासन की पार्टी, मक्कल निधि मय्यम (MNM), भी इसी विचारधारा पर आधारित है।

सियासी गलियारों में संभावित प्रतिक्रिया

कमल हासन के इस बयान से देश के राजनीतिक माहौल में तीखी प्रतिक्रियाएं आने की संभावना है। भाजपा और अन्य हिंदूवादी संगठन उनके इस बयान की कड़ी आलोचना कर सकते हैं। यह बयान तमिलनाडु में आगामी चुनावों में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है, जहां द्रमुक (DMK) जैसी पार्टियां भी सनातन धर्म के खिलाफ इसी तरह के बयान दे चुकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके इस बयान पर कौन-कौन से नेता और दल क्या प्रतिक्रिया देते हैं।

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