ट्रंप के ‘मृत अर्थव्यवस्था’ के दावे को AI प्लेटफॉर्म्स ने डेटा से नकारा

अमेरिकी AI प्लेटफॉर्म्स ने ट्रंप के भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर दिए गए बयान को डेटा और तथ्यों के आधार पर गलत साबित किया।

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  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय अर्थव्यवस्था को “डेड” बताया, जिसके बाद भारत में सियासी हंगामा मच गया।
  • NDTV द्वारा अमेरिकी AI प्लेटफॉर्म्स से किए गए सवाल के जवाब में ChatGPT, Grok और Gemini जैसे AI ने ट्रंप के दावे को गलत ठहराया।
  • सभी AI ने भारतीय अर्थव्यवस्था को “सबसे तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक” बताया।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3 अगस्त, 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान ने भारतीय राजनीति और व्यापार जगत में हलचल मचा दी है, जिसमें उन्होंने भारत और रूस दोनों की अर्थव्यवस्थाओं को “डेड” बताया था। हालांकि, उनके इस बयान को अमेरिका के ही प्रमुख आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्लेटफॉर्म्स ने वास्तविक और विश्वसनीय डेटा के आधार पर सिरे से खारिज कर दिया है। NDTV द्वारा किए गए एक सीधे सवाल पर, ChatGPT, Grok, Gemini, Meta AI और Copilot ने एक स्वर में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था “मृत” होने से बहुत दूर है, बल्कि यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।

क्या था ट्रंप का बयान और क्यों हुआ विवाद?

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में भारत और रूस के बीच बढ़ते व्यापारिक संबंधों, विशेष रूप से रूसी तेल की खरीद, पर नाराजगी व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था, “मुझे परवाह नहीं है कि भारत रूस के साथ क्या करता है। वे अपनी मृत अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लेकर नीचे जा सकते हैं।” इसके साथ ही, उन्होंने भारत से आयात होने वाले सामानों पर 25% का टैरिफ लगाने की भी घोषणा की। इस बयान ने भारत में राजनीतिक गलियारों में एक बहस छेड़ दी, जहाँ कई विपक्षी नेताओं, जैसे कि राहुल गांधी, ने ट्रंप के इस दावे का समर्थन किया, जबकि सरकार ने इसे सिरे से खारिज कर दिया।

AI ने दिए डेटा-आधारित जवाब

इस राजनीतिक बयानबाजी के बीच, NDTV ने अमेरिकी AI प्लेटफॉर्म्स से सीधे पूछा, “क्या भारतीय अर्थव्यवस्था मृत है?” इस सवाल के जवाब में, सभी पांच प्रमुख AI प्लेटफॉर्म्स ने ट्रंप के दावे के विपरीत जवाब दिए:

ChatGPT: “भारत की अर्थव्यवस्था मृत होने से बहुत दूर है। यह गतिशील है। यह महत्वाकांक्षी है।”

Grok: “नहीं, भारतीय अर्थव्यवस्था मृत नहीं है। यह विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनी हुई है।”

Gemini: “भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत वृद्धि की विशेषता रखती है।”

Meta AI: “भारतीय अर्थव्यवस्था मृत नहीं है। यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।”

Copilot: “बिल्कुल भी नहीं। वास्तव में, यह बिल्कुल विपरीत है।”

ये सभी जवाब वास्तविक आर्थिक डेटा जैसे जीडीपी विकास दर, रोजगार सृजन और वैश्विक रैंकिंग पर आधारित थे, जो AI की तथ्यात्मक सटीकता को दर्शाते हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति

AI प्लेटफॉर्म्स के जवाब भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत मैक्रो-इकॉनॉमिक फंडामेंटल्स को उजागर करते हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक जैसी संस्थाओं ने भी भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बताया है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी इस बात पर जोर दिया कि भारत कुछ ही वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। AI द्वारा प्रस्तुत किए गए ये डेटा-आधारित तथ्य, राजनीतिक बयानबाजी के मुकाबले कहीं अधिक विश्वसनीय और वस्तुनिष्ठ तस्वीर पेश करते हैं।

राजनीति में AI की बढ़ती भूमिका

यह घटना इस बात का एक दिलचस्प उदाहरण है कि कैसे AI अब राजनीतिक बहसों में एक ‘तथ्य-जांचकर्ता’ की भूमिका निभा रहा है। जहां राजनेता अपने बयानों को राजनीतिक लाभ के लिए तोड़-मरोड़ सकते हैं, वहीं AI प्लेटफॉर्म्स डेटा और आंकड़ों के आधार पर निष्पक्ष जवाब देने की क्षमता रखते हैं। यह घटना AI और सार्वजनिक विमर्श के बीच एक नए समीकरण की शुरुआत का संकेत देती है, जहाँ AI सच और झूठ के बीच अंतर करने में मदद कर सकता है।

 

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