लंदन में हिंदू सभ्यता का वैभव, टेलीग्राफ ने किया भव्य आयोजन
लंदन में हिंदू सभ्यता प्रदर्शनी ने खींचा सबका ध्यान, कला-विज्ञान से लेकर दर्शन तक का दिखा अद्भुत संगम।
- लंदन में ‘द टेलीग्राफ’ ने अपनी टीम के लिए एक खास हिंदू सभ्यता प्रदर्शनी का आयोजन किया।
- यह आयोजन दक्षिण एशियाई विरासत माह के हिस्से के रूप में किया गया था।
- प्रदर्शनी में भारतीय संस्कृति, विज्ञान, कला और दर्शन के 10,000 वर्षों के योगदान को दर्शाया गया।
समग्र समाचार सेवा
लंदन, 3 अगस्त, 2025: ब्रिटेन की प्रतिष्ठित मीडिया कंपनी ‘द टेलीग्राफ’ ने हाल ही में अपने लंदन मुख्यालय में एक अनूठी और भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया, जिसने भारतीय संस्कृति और हिंदू सभ्यता की समृद्ध विरासत को दर्शाया। यह कार्यक्रम कंपनी के ’embRace’ नेटवर्क द्वारा दक्षिण एशियाई विरासत माह के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों को भारत की 10,000 वर्षों की सभ्यता के विविध पहलुओं से परिचित कराना था।
सनातन संस्कृति की झलक: एक अनूठा अनुभव
प्रदर्शनी में प्रवेश करते ही, कर्मचारियों का स्वागत पारंपरिक ‘नमस्ते’ से किया गया, जिसने पूरे वातावरण में भारतीयता की भावना भर दी। इस प्रदर्शनी में हिंदू सभ्यता के विभिन्न आयामों को बेहद आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया गया था। डिस्प्ले में सभ्यता की उत्पत्ति, उसके प्रमुख त्योहारों, शास्त्रीय कलाओं, और वास्तुकला जैसे विषयों को शामिल किया गया था। कर्मचारियों को भारतीय नृत्य और संगीत की जटिल परंपराओं और प्राचीन मंदिरों में पाई जाने वाली गणितीय सटीकता के बारे में विस्तार से जानने का मौका मिला।
विज्ञान और ज्ञान का अद्भुत योगदान
प्रदर्शनी का एक बड़ा हिस्सा हिंदू सभ्यता के वैज्ञानिक और तकनीकी योगदानों को समर्पित था, जिसने सभी को अचंभित कर दिया। कर्मचारियों ने खगोल विज्ञान, धातु विज्ञान और गणित के क्षेत्र में किए गए अभूतपूर्व कार्यों के बारे में जाना। शून्य और दशमलव प्रणाली का आविष्कार, आयुर्वेद जैसी समग्र स्वास्थ्य प्रणालियाँ, और चिकित्सा के क्षेत्र में भारत के योगदान को दर्शाने वाले सेक्शन विशेष रूप से लोकप्रिय रहे। प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य विभागों के कर्मचारियों ने इन जानकारियों में गहरी रुचि दिखाई, जिससे यह साबित हुआ कि भारतीय सभ्यता का ज्ञान आज भी प्रासंगिक है।
पारंपरिक खेलों और कला का समागम
प्रदर्शनी में केवल जानकारी ही नहीं, बल्कि मनोरंजन का भी पूरा ध्यान रखा गया था। इसमें इंटरैक्टिव तत्व भी शामिल थे, जैसे कि एक कैरम बोर्ड जहाँ कर्मचारी खेल का आनंद ले सकते थे, और एक मेहंदी कॉर्नर जहाँ वे अपने हाथों पर सुंदर डिज़ाइन बनवा सकते थे। इन गतिविधियों ने प्रदर्शनी को एक जीवंत और यादगार अनुभव बना दिया। इसके अलावा, प्रदर्शनी के दौरान एक प्रस्तुति (presentation) भी दी गई, जिसमें हिंदू सभ्यता के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला गया।
संस्कृति को जोड़ने की पहल
‘द टेलीग्राफ’ का यह आयोजन सिर्फ एक प्रदर्शनी नहीं था, बल्कि यह विभिन्न संस्कृतियों को जोड़ने और एक-दूसरे को समझने की एक सराहनीय पहल थी। इसने कर्मचारियों के बीच अपनी सांस्कृतिक विरासत के प्रति सम्मान और जागरूकता पैदा करने का काम किया। यह दर्शाता है कि भारतीय संस्कृति और सभ्यता का प्रभाव वैश्विक स्तर पर कितना गहरा और व्यापक है। इस तरह के आयोजन दुनिया भर में भारत की सॉफ्ट पावर को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।