ट्रम्प ने रूस के करीब तैनात की परमाणु पनडुब्बियाँ

रूस-यूक्रेन जंग में तनाव की नई परत

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  • रूस को चेतावनी: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस के “उत्तेजक बयानों” के जवाब में दो परमाणु पनडुब्बियाँ रूस के पास “उपयुक्त क्षेत्रों” में तैनात कर दीं, जिसे उन्होंने गंभीर रणनीतिक संकेत बताया।
  • मेदवेदेव की धमकी: रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने ट्रम्प की चेतावनी को “युद्ध की घोषणा” जैसा बताया और रूस की परमाणु प्रणाली “डेड हैंड” का जिक्र कर स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया।
  • परमाणु युद्ध की आशंका: विशेषज्ञों ने इस घटनाक्रम को 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट जैसी स्थिति बताया है, जहां एक छोटी चिंगारी भी तीसरे विश्व युद्ध को जन्म दे सकती है।
  • वैश्विक चिंता: ट्रम्प की सैन्य तैनाती और रूस की प्रतिक्रिया से अमेरिका, यूरोप और एशिया के देशों में गंभीर चिंता का माहौल है — वैश्विक स्थिरता पर खतरा मंडरा रहा है।

पूनम शर्मा
2 अगस्त की शाम (UTC समय के अनुसार) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की कि उन्होंने रूस से “अत्यधिक उत्तेजक टिप्पणियों” के बाद दो परमाणु पनडुब्बियों को “उपयुक्त क्षेत्रों” में तैनात करने का आदेश दिया है । ट्रम्प ने सोशल मीडिया (Truth Social) पर लिखा कि अगर ये बयान “मूर्खतापूर्ण और भड़काऊ” बातों से कहीं पर आगे निकलते हैं, तो यह एक भयंकर त्रुटि साबित हो सकती है । उन्होंने कहा, “शब्दों का बहुत महत्व है, और वे अक्सर अनपेक्षित परिणामों को जन्म दे सकते हैं — मुझे आशा है कि यह उन में से एक नहीं होगा।”

विवाद की वजह — मेदवेदेव की टिप्पणी

यह निर्णय रूस के पूर्व राष्ट्रपति और वर्तमान में रूसी सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव द्वारा दिए गए उत्तेजक बयान के तुरन्त बाद लिया गया। मेदवेदेव ने ट्रम्प पर आरोप लगाया कि उन्होंने यूक्रेन पर जुड़े प्रतिबंधों की धमकी देकर “युद्ध की ओर एक कदम” बढ़ाया है और रूस को एक वैश्विक शक्ति के रूप में देखे जाने की चेतावनी दी है
उन्होंने रूस की परमाणु प्रणाली “डेड हैंड” का उल्लेख कर अल्टीमेटम की भाषा को खतरनाक बताया था

रणनीति या दिखावा? — दोनों ओर से जवाबी कदम

विश्लेषकों का यह मानना है कि यह कदम एक रणनीतिक सिग्नलिंग का हिस्सा हो सकता है — यानी रूस को चेतावनी देना कि तनाव बढ़ा तो कार्रवाई संभव है। अमेरिकी पेंटागन और व्हाइट हाउस ने स्थिति का विस्तार से खुलासा नहीं किया है, जिससे यह पूरी घटना रहस्यमयी बनी हुई है
दूसरी ओर विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि रूस-यूएस के बीच इस तरह की हाई-वोल्टेज परमाणु कार्रवाइयाँ विश्व सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती हैं तैनाती का ऐतिहासिक

क्या यह क्यूबा मिसाइल संकट जैसा हो रहा है?

इस स्थिति की तुलना 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट से की जा रही है, जब सोवियत संघ की मिसाइलें अमेरिका के बिल्कुल पास तैनात की जा रही थीं और दुनिया परमाणु युद्ध के कगार पर खड़ी थी

आज ट्रम्प द्वारा पनडुब्बियों की तैनाती एक रणनीतिक दांव जैसा प्रतीत होता है, जिससे रूस को वही भय दिखाया जाए, जो अमेरिका ने उसे शीत युद्ध में दिखाया था।

वैश्विक प्रतिक्रिया और संभावित परिणाम

नाटो और यूरोपीय देशों में भय का माहौल बन गया है क्योंकि अमेरिकी पनडुब्बी तैनाती से वैश्विक परमाणु संतुलन पर असर पड़ सकता है चीन, भारत समेत अन्य देशों पर टैरिफ की धमकी (विशेषकर भारत ने रूस से तेल ख़रीदने पर) इस तनाव को और बढ़ा रही है ।
ट्रम्प प्रशासन ने रूस को यूक्रेन में बंदी समाधान के लिए 10 दिन की अंतिम समय सीमा भी दे डाली है — यदि यह पाबंदी सफल नहीं होती, तो और भी सख्त आर्थिक प्रतिबंध और टैरिफ की धमकी दी गई है ।

परमाणु प्रतिशोध प्रणाली — ‘डेड हैंड’ का महत्त्व

मेदवेदेव द्वारा बारंबार ‘डेड हैंड’ (Dead Hand) सिस्टम का उल्लेख किया गया है — यह रूस की एक स्वचालित परमाणु प्रतिशोध प्रणाली है, जो किसी बड़े हमले की स्थिति में स्वतः सक्रिय होकर प्रतिशोध करती है। इस प्रणाली का हवाला देना वैश्विक चिंता को और बढ़ाता है

बढ़ते खतरों और अंतरराष्ट्रीय स्थिरता का सवाल

रूस और अमेरिका की ये कार्रवाइयाँ एक परमाणु संकट की ओर बढ़तीं जा रही हैं, जहां एक गलती पूरी मानवता के अस्तित्व पर सवाल खड़ा कर सकती है।
यदि भविष्य में कोई अप्रत्याशित घटना होती है, जैसे रूस की कोई जवाबी परमाणु तैनाती या जवाबी रुख, तो यह स्थिति नियंत्रण से बाहर जा सकती है। ट्रम्प प्रशासन की वर्तमान नीति तनाव को रोकने की दिशा में नहीं बल्कि उसे बढ़ाने की राह पर नजर आती है।

इस विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि ट्रम्प की यह रणनीति एक व्यापक रणनीतिक संकेत है, लेकिन इस ने स्थिति को तत्काल खतरनाक मोड़ पर ला दिया है। रूस के साथ टकराव की स्थिति अभी शुरुआती है, पर अगर संयम न बरता गया, तो यह भविष्य में प्रलयकारी परिणाम उत्पन्न कर सकती है।
पूर्व रूसी राष्ट्रपति की धमकियों से भड़के ट्रंप, रूस के दरवाजे पर भेजी परमाणु पनडुब्बियां, तीसरे विश्वयुद्ध का बढ़ रहा खतरायह रहे ट्रम्प की परमाणु पनडुब्बी तैनाती से जुड़े घटनाक्रम के 4 मुख्य बिंदु:

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