- डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के रूसी तेल खरीद रोकने की खबर को “सही कदम” बताया, लेकिन पुष्टि नहीं की।
- भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया – तेल खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार पर आधारित है, कोई विशेष निर्णय नहीं हुआ।
- चार प्रमुख सरकारी रिफाइनरियों ने बीते सप्ताह रूसी तेल की खरीद नहीं की – छूट कम होने और अमेरिकी दबाव के कारण।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली 2 अगस्त -अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि भारत अब रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर रहा है। उन्होंने इस कदम को “सही दिशा में कदम” बताया, हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह सूचना उनकी सुनी हुई है और इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब अमेरिका ने भारत पर रूस से तेल और सैन्य उपकरण खरीदने को लेकर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इसके अलावा भारत से आने वाले सामानों पर 25% अतिरिक्त आयात शुल्क भी लगाया गया है।
विदेश मंत्रालय का जवाब
भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि भारत की ऊर्जा नीति बाजार की परिस्थितियों और राष्ट्रीय हितों पर आधारित है। मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि नहीं की कि भारत ने रूसी तेल खरीद बंद कर दी है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा,
“हम ऊर्जा की आपूर्ति के संबंध में अपने व्यापक दृष्टिकोण से परिचित हैं। हम वही खरीदते हैं जो बाजार में उपलब्ध हो और जो हमारे हित में हो। हमें रूसी तेल खरीद को लेकर किसी विशेष घटनाक्रम की जानकारी नहीं है।”
रिफाइनरियों का रुख
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की चार प्रमुख रिफाइनरि – इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम और मैंगलोर रिफाइनरी – ने बीते सप्ताह से रूसी कच्चा तेल नहीं खरीदा है। इसकी वजह रूसी तेल पर मिलने वाली छूट का कम होना और अमेरिका की कड़ी चेतावनी मानी जा रही है।
इन कंपनियों ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। अब ये रिफाइनरियां स्पॉट मार्केट से अबू धाबी के मुरबान और पश्चिम अफ्रीकी तेल की ओर रुख कर रही हैं।
गौरतलब है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज और नायरा एनर्जी जैसे निजी रिफाइनर अब भी रूसी तेल के प्रमुख खरीदार हैं, लेकिन भारत की कुल 5.2 मिलियन बैरल प्रतिदिन की रिफाइनिंग क्षमता में से 60% से अधिक नियंत्रण सार्वजनिक रिफाइनरियों के पास है।
ट्रंप का दो टूक संदेश
डोनाल्ड ट्रंप पहले भी भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर नाराजगी जता चुके हैं। उन्होंने 14 जुलाई को धमकी दी थी कि जो देश रूस से तेल खरीदते रहेंगे, उन पर 100% तक टैरिफ लगा दिया जाएगा – जब तक कि रूस यूक्रेन के साथ कोई बड़ा शांति समझौता नहीं कर लेता।