कोलकाता : फर्जी आधार वोटर आईडी के साथ पकड़ी गई बांग्लादेशी मॉडल

शांता पॉल : बड़े रैकेट का हो सकता है खुलासा

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समग्र समाचार सेवा
कोलकाता, 1 अगस्त –कोलकाता पुलिस ने एक चौंकाने वाली कार्रवाई करते हुए बांग्लादेश की मॉडल शांता पॉल को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, उसके पास से एक फर्जी आधार कार्ड और एक फर्जी वोटर आईडी कार्ड बरामद किया गया है। इस गिरफ्तारी ने भारत में घुसपैठ और दस्तावेजों की फर्जीवाड़ा से जुड़े एक संभावित बड़े रैकेट की ओर संकेत दिया है।

शांता पॉल की गिरफ्तारी कोलकाता के कस्बा इलाके से की गई, जहां वह पिछले कुछ महीनों से एक किराए के फ्लैट में रह रही थी। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि उसने बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया था और यहां रहते हुए भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए।

पुलिस की कार्रवाई

कोलकाता पुलिस के अनुसार, एक खुफिया सूचना के आधार पर शांता पॉल की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी। जब उसके दस्तावेजों की गहराई से जांच की गई, तो सामने आया कि उसके पास मौजूद आधार और वोटर कार्ड फर्जी थे। इन दस्तावेजों पर उसका नाम भारतीय नागरिक के रूप में दर्ज था, जिससे वह यहां की विभिन्न सुविधाओं और प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर रही थी।

मॉडलिंग और सोशल मीडिया से जुड़ी गतिविधियां
पुलिस के अनुसार, शांता पॉल खुद को एक पेशेवर मॉडल बताती है और उसका सोशल मीडिया अकाउंट भी यही दिखाता है। उसने भारत में रहते हुए कई छोटे फैशन शो और फोटोशूट में हिस्सा लिया था। हालांकि, पुलिस को शक है कि मॉडलिंग की आड़ में वह किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकती है जो बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में अवैध रूप से बसाने और उन्हें वैध नागरिकता दिलाने में लगा है।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा

यह मामला सिर्फ फर्जी दस्तावेज तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए भी एक चेतावनी है। जब एक विदेशी नागरिक इतनी आसानी से भारतीय पहचान बना सकता है और महीनों तक बिना किसी रोक-टोक के एक मेट्रो सिटी में रह सकता है, तो यह एक गहरी प्रणालीगत चूक को दर्शाता है।

कई सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला अकेला नहीं है। बंगाल और अन्य सीमावर्ती राज्यों में कई बार इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं, जहां अवैध घुसपैठिए भारत में घुसकर फर्जी दस्तावेजों की मदद से बैंक अकाउंट, सिम कार्ड, और यहां तक कि सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठा रहे हैं।

आगे की जाँच 

कोलकाता पुलिस ने शांता पॉल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और अब उससे पूछताछ के जरिए यह जानने की कोशिश की जा रही है कि उसने ये फर्जी दस्तावेज कैसे और किसकी मदद से बनवाए। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि क्या वह किसी बड़े घुसपैठ नेटवर्क का हिस्सा है या अकेले ही यह गतिविधि कर रही थी।

यह मामला न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों के लिए चेतावनी है, बल्कि देश की डिजिटल पहचान प्रणाली के लिए भी एक बड़ा सबक है कि कैसे आधार और वोटर कार्ड जैसे संवेदनशील दस्तावेज अब भी फर्जीवाड़े के शिकार हो रहे हैं।

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