राज्यसभा में अमित शाह का बड़ा बयान: ‘कोई हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकता’

'हिंदू आतंकवाद' पर आर-पार: अमित शाह ने कहा- कांग्रेस ने 26/11 जैसे हमलों को भी दिया धार्मिक रंग, जनता ने नकारा

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  • गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा, ‘मैं गर्व से कह सकता हूं कि कोई हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकता’।
  • उन्होंने कांग्रेस पर ‘भगवा आतंकवाद’ का झूठा सिद्धांत बनाने और हिंदू समुदाय को बदनाम करने का आरोप लगाया।
  • शाह ने कहा कि कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति ने देश की आंतरिक सुरक्षा को कमजोर किया है।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1 अगस्त, 2025: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में ‘भगवा आतंकवाद’ के मुद्दे पर कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मैं गर्व से कह सकता हूं कि कोई भी हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता। शाह ने कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति के लिए बहुसंख्यक समुदाय को बदनाम करने और ‘भगवा आतंकवाद’ का एक झूठा सिद्धांत गढ़ने का आरोप लगाया। यह बयान हाल ही में मालेगांव धमाका केस में आए फैसले के बाद आया है, जिसमें सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है।

‘कोई हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकता’

राज्यसभा में एक बहस के दौरान अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने राजनीतिक लाभ के लिए आतंकवाद को एक विशेष धर्म से जोड़ने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “मैं गर्व से कह सकता हूं कि मैं एक हिंदू हूं, मैं गर्व से कह सकता हूं कि मैं एक गुजराती हूं, और मैं गर्व से कह सकता हूं कि कोई हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकता।” शाह ने 26/11 के मुंबई हमलों का भी जिक्र करते हुए कहा कि उस समय भी दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेस नेताओं ने आतंकवाद को धार्मिक रंग देने की कोशिश की थी, लेकिन जनता ने उनके इस झूठ को स्वीकार नहीं किया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति ने ही देश की आंतरिक सुरक्षा को कमजोर किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक फायदे के लिए निर्दोष लोगों को जेल में डाला गया, प्रताड़ित किया गया और उन्हें बदनाम किया गया।

कांग्रेस पर सीधा हमला

अमित शाह ने कांग्रेस पर दशकों तक वोट बैंक की राजनीति करने और भारत की आंतरिक सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देश में आतंकवाद फैलने का एकमात्र कारण कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति है। शाह के अनुसार, कांग्रेस ने सत्ता में रहने के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा के बजाय वोट बैंक की चिंता की, जिसके कारण देश को भारी कीमत चुकानी पड़ी। उन्होंने कहा कि मालेगांव जैसे मामलों में भी कांग्रेस ने ‘भगवा आतंकवाद’ का नैरेटिव गढ़कर एक समुदाय को निशाना बनाने की कोशिश की थी।

शाह ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में आंतरिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है और आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई गई है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और आगे की राह

अमित शाह के इस बयान ने संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह एक नई राजनीतिक बहस छेड़ दी है। कांग्रेस ने हालांकि अभी तक इस पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन यह साफ है कि आने वाले समय में यह मुद्दा राजनीतिक खींचतान का केंद्र बना रहेगा।

मालेगांव धमाका केस में आए फैसले के बाद, भाजपा लगातार कांग्रेस पर ‘भगवा आतंकवाद’ के मुद्दे को लेकर हमला कर रही है। अमित शाह का यह बयान इसी रणनीति का एक हिस्सा है, जिसके जरिए पार्टी न केवल कांग्रेस को घेरना चाहती है, बल्कि यह संदेश भी देना चाहती है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगी। यह बहस आने वाले समय में चुनावी एजेंडे का एक बड़ा हिस्सा बन सकती है।

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