ईडी की अंडमान-निकोबार में पहली बार छापेमारी, पूर्व सांसद पर ₹200 करोड़ के बैंक घोटाले का आरोप

ईडी की बड़ी कार्रवाई: अंडमान-निकोबार के सबसे बड़े बैंक घोटाले में पूर्व सांसद पर शिकंजा, फर्जी कंपनियों से लिए गए 200 करोड़ से ज्यादा के लोन

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  • प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अंडमान-निकोबार में पहली बार छापा मारा, ₹200 करोड़ का बैंक घोटाला उजागर।
  • पूर्व कांग्रेस सांसद कुलदीप राय शर्मा पर सहकारी बैंक के उपाध्यक्ष रहते हुए अनियमितता का आरोप।
  • पोर्ट ब्लेयर और कोलकाता सहित 11 ठिकानों पर तलाशी, अहम दस्तावेज और सबूत जब्त।

समग्र समाचार सेवा
पोर्ट ब्लेयर, 31 जुलाई, 2025: वित्तीय अपराधों पर लगाम लगाने वाली केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक कार्रवाई को अंजाम दिया। ईडी ने पहली बार अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अपनी पहली छापेमारी की। यह कार्रवाई 200 करोड़ रुपये से अधिक के कथित बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ी है। इस मामले में अंडमान निकोबार स्टेट कोऑपरेटिव बैंक (ANSCB) के पूर्व उपाध्यक्ष और पूर्व कांग्रेस सांसद कुलदीप राय शर्मा की भूमिका जांच के घेरे में है।

यह पहला मौका है, जब ईडी ने इस केंद्र शासित प्रदेश में धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत कोई बड़ी कार्रवाई की है, जिससे इस सुदूर क्षेत्र में भी वित्तीय अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संदेश गया है।

क्या है 200 करोड़ रुपये का बैंक घोटाला?

ईडी की जांच अंडमान निकोबार पुलिस की अपराध एवं आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज एक एफआईआर पर आधारित है। ईडी के सूत्रों के मुताबिक, यह घोटाला अंडमान निकोबार स्टेट कोऑपरेटिव बैंक (ANSCB) में हुआ, जहां कथित तौर पर बड़े पैमाने पर अनियमितताएं की गईं।

जांच में यह सामने आया है कि बैंक की निर्धारित प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए विभिन्न ‘शेल कंपनियों’ (फर्जी कंपनियों) को लोन और ओवरड्राफ्ट की सुविधा दी गई। ईडी के अनुसार, करीब 15 ऐसी फर्जी संस्थाएं बनाई गईं, जिनका मकसद सिर्फ पूर्व सांसद कुलदीप राय शर्मा को फायदा पहुंचाना था। इन संस्थाओं ने बैंक से धोखाधड़ी करके 200 करोड़ रुपये से अधिक का लोन हासिल किया। इन पैसों का एक बड़ा हिस्सा नकद में निकाला गया और कथित तौर पर शर्मा और अन्य लाभार्थियों तक पहुंचाया गया।

पोर्ट ब्लेयर और कोलकाता में छापेमारी

ईडी की टीमों ने इस मामले में कुल 11 जगहों पर तलाशी अभियान चलाया। इनमें पोर्ट ब्लेयर और उसके आसपास के 9 ठिकाने और कोलकाता में 2 ठिकाने शामिल हैं। छापेमारी के दौरान, ईडी ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए हैं, जो इस बड़े घोटाले के सबूत माने जा रहे हैं।

ईडी के अधिकारियों का कहना है कि जब्त किए गए दस्तावेजों से बेनामी लेनदेन और अवैध मंजूरी के संकेत मिलते हैं। ये दस्तावेज साबित करते हैं कि किस तरह बैंक के नियमों को ताक पर रखकर फर्जी कंपनियों को करोड़ों रुपये के लोन दिए गए। फिलहाल ईडी इस मामले की गहन जांच कर रही है और घोटाले में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने की कोशिश कर रही है।

राजनीतिक हलकों में हंगामा

यह मामला राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील हो गया है क्योंकि कुलदीप राय शर्मा 2019 से 2024 तक अंडमान निकोबार से लोकसभा सांसद रह चुके हैं। उन पर लगे आरोपों के बाद कांग्रेस पार्टी पर भी सवाल उठ रहे हैं। पार्टी के नेताओं ने हालांकि इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है।

ईडी की इस कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि जांच एजेंसी अब देश के हर कोने में वित्तीय अनियमितताओं पर नजर रख रही है। यह पहली बार है जब ईडी ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में अपनी कार्रवाई का दायरा बढ़ाया है, जो यह दिखाता है कि भारत सरकार वित्तीय अपराधों को रोकने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इस मामले में आगे की जांच जारी है और आने वाले दिनों में और भी खुलासे होने की उम्मीद है।

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