दिल्ली में बनेगा भव्य महाराष्ट्र सांस्कृतिक केंद्र: मराठा संस्कृति का दिखेगा रंग, छात्रों को भी मिलेगा लाभ
राजधानी में महाराष्ट्र की झलक: दिल्ली में जल्द स्थापित होगा भव्य सांस्कृतिक भवन, सीएम फडणवीस ने दी हरी झंडी
- महाराष्ट्र सरकार दिल्ली में एक बहुउद्देश्यीय सांस्कृतिक भवन बनाने की योजना बना रही है।
- यह केंद्र महाराष्ट्र सदन परिसर में बनेगा, जहां कला, साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।
- इसमें IAS उम्मीदवारों के लिए आवास और एक बड़ी लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं भी होंगी।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 29 जुलाई, 2025: देश की राजधानी दिल्ली जल्द ही महाराष्ट्र की समृद्ध संस्कृति, कला और परंपराओं का केंद्र बनने जा रही है। महाराष्ट्र सरकार ने नई दिल्ली में एक बहुउद्देश्यीय सांस्कृतिक भवन स्थापित करने की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। इस प्रस्तावित डिजाइन योजना को हाल ही में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने पेश किया गया, जिस पर उन्होंने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए आगे की कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। यह सांस्कृतिक केंद्र महाराष्ट्र सदन परिसर में स्थापित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में मराठा संस्कृति को बढ़ावा देना और विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को महाराष्ट्र से जोड़ना है।
सांस्कृतिक पहचान का नया केंद्र
महाराष्ट्र सांस्कृतिक भवन की स्थापना की घोषणा मूल रूप से 98वें अखिल भारतीय साहित्य सम्मेलन के समापन समारोह के दौरान की गई थी। अब, रेजिडेंट कमिश्नर और सचिव आर. विमला ने मुख्यमंत्री फडणवीस के हालिया दिल्ली दौरे के दौरान प्रस्तावित खाका प्रस्तुत किया है। इस सांस्कृतिक भवन में कई महत्वपूर्ण विशेषताएं होंगी, जिनमें शामिल हैं:
एक बहुउद्देश्यीय हॉल: यह हॉल विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, प्रदर्शनियों और समारोहों के लिए उपयोग किया जाएगा, जिससे महाराष्ट्र की लोक विरासत, कला रूपों और साहित्य को राष्ट्रीय मंच मिल सकेगा।
IAS उम्मीदवारों के लिए आवास सुविधाएं: यह एक अनूठी सुविधा होगी, जो महाराष्ट्र के उन उम्मीदवारों को रहने की जगह प्रदान करेगी जो विभिन्न भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) पदों के लिए साक्षात्कार के लिए दिल्ली आते हैं। यह सुविधा दूरदराज से आने वाले छात्रों के लिए बड़ी राहत होगी।
एक विशाल पुस्तकालय और अध्ययन क्षेत्र: छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए एक बड़ी लाइब्रेरी और शांत अध्ययन क्षेत्र भी होगा, जहां वे महाराष्ट्र के इतिहास, संस्कृति और साहित्य से संबंधित सामग्री प्राप्त कर सकेंगे।
अन्य संबद्ध सुविधाएं: सांस्कृतिक केंद्र में अन्य आवश्यक सुविधाएं भी होंगी जो आगंतुकों और उपयोगकर्ताओं की जरूरतों को पूरा करेंगी।
प्रशासनिक और वाणिज्यिक पहलें भी
सांस्कृतिक भवन के अलावा, रेजिडेंट कमिश्नर विमला ने मुख्यमंत्री फडणवीस को महाराष्ट्र सदन परिसर के भीतर अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आवासीय क्वार्टर और अन्य प्रशासनिक मामलों से संबंधित विस्तृत योजनाएं भी प्रस्तुत कीं।
इसके अतिरिक्त, कुछ महत्वपूर्ण वाणिज्यिक और पर्यटन-केंद्रित पहलों पर भी चर्चा हुई:
महाराष्ट्र के मौसमी फलों के लिए वर्षभर प्रदर्शन-सह-बिक्री आउटलेट: दिल्ली में महाराष्ट्र के प्रसिद्ध मौसमी फलों जैसे आम, अंगूर आदि के लिए स्थायी बिक्री केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिससे किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ होगा।
स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों के प्रदर्शन इकाइयां: महाराष्ट्र के स्वयं सहायता समूहों (SHGs) द्वारा बनाए गए उत्पादों को प्रदर्शित करने और बेचने के लिए भी विशेष इकाइयां होंगी, जिससे ग्रामीण कारीगरों और महिलाओं को बाजार मिलेगा।
‘महाराष्ट्र महोत्सव’ का प्रस्ताव और मुख्यमंत्री का समर्थन
एक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव दिल्ली में एक भव्य ‘महाराष्ट्र महोत्सव’ आयोजित करने का था, जिसमें महाराष्ट्र की समृद्ध लोक विरासत को प्रदर्शित करने वाले विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होंगे। इस महोत्सव के लिए आवश्यक धन के लिए भी अनुरोध किया गया है।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने इन सभी परियोजनाओं पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और आगे आवश्यक कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। यह पहल महाराष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत को देश की राजधानी में एक प्रमुख स्थान दिलाने और महाराष्ट्र के लोगों, खासकर छात्रों और कारीगरों को दिल्ली में बेहतर अवसर प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी। यह परियोजना दिल्ली और महाराष्ट्र के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को और मजबूत करेगी।