लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा स्थगित: स्पीकर ओम बिरला विपक्ष पर भड़के, दोपहर 1 बजे तक सदन स्थगित
संसद का मॉनसून सत्र: 'ऑपरेशन सिंदूर' पर सियासी घमासान, सदन में हंगामा और स्पीकर की चेतावनी
- लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर होने वाली चर्चा विपक्ष के हंगामे के कारण दोपहर 1 बजे तक स्थगित।
- स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष पर गंभीर नाराजगी व्यक्त की, पूछा कि वे प्रश्नकाल क्यों नहीं चलने देना चाहते।
- यह मुद्दा पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत की सैन्य कार्रवाई से जुड़ा है, जिस पर 16 घंटे की बहस प्रस्तावित थी।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28 जुलाई, 2025: संसद के मॉनसून सत्र में आज सोमवार को लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर होने वाली बहुप्रतीक्षित चर्चा विपक्ष के जोरदार हंगामे की भेंट चढ़ गई। सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी और तख्तियां दिखाकर हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कार्यवाही को पहले 12 बजे तक और फिर दोबारा हंगामे के चलते दोपहर 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। स्पीकर ओम बिरला ने इस दौरान विपक्ष के आचरण पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए उनसे संसदीय मर्यादा बनाए रखने की अपील की।
स्पीकर की नाराजगी: ‘आप चर्चा क्यों नहीं चाहते?’
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सदन में हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों को चेतावनी देते हुए कहा, “तरीका ठीक रखिए, ये सदन है।” उन्होंने विपक्षी सांसदों से पूछा, “क्या आप सदन बाधित करना चाहते हैं? क्या आप ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा नहीं करना चाहते?” बिरला ने याद दिलाया कि विपक्षी दलों के नेता उनके कार्यालय में आकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा की मांग कर रहे थे, और अब जब चर्चा की शुरुआत होनी है, तो वे हंगामा कर रहे हैं।
स्पीकर ने प्रश्नकाल को बाधित करने पर भी गहरी चिंता व्यक्त की, जो सदस्यों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार से सवाल पूछने का एक अहम समय होता है। उन्होंने कहा, “प्रश्नकाल सदस्यों का सबसे अहम समय होता है, आखिर देश जानना चाहता है कि आप प्रश्नकाल क्यों नहीं चलने देना चाहते हैं?” बिरला ने आरोप लगाया कि विपक्ष नियोजित तरीके से सदन की कार्यवाही बाधित कर रहा है और “संसद की मर्यादा को तार-तार” कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश की 140 करोड़ आबादी यह सब देख रही है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ और उसकी अहमियत
‘ऑपरेशन सिंदूर’ जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई को संदर्भित करता है, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। भारत ने इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाते हुए सटीक हमले किए थे।
लोकसभा सचिवालय ने आज के एजेंडे में “पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के सशक्त, सफल और निर्णायक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर एक विशेष चर्चा” को सूचीबद्ध किया था। इस चर्चा के लिए 16 घंटे का समय निर्धारित किया गया है, जिसका मतलब है कि यह बहस तीन दिन तक चल सकती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इस चर्चा की शुरुआत करनी थी, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के भी शामिल होने की संभावना है। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी बहस में हस्तक्षेप करने की अटकलें थीं।
विपक्ष की रणनीति और आगे का रास्ता
मॉनसून सत्र का पहला हफ्ता भी हंगामे की भेंट चढ़ गया था, जिसमें विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर तत्काल चर्चा की मांग की थी। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अलावा, विपक्ष अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में मध्यस्थता के दावों और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) जैसे मुद्दों पर भी सरकार से स्पष्टीकरण चाहता है।
कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने सरकार पर महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा में जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर, युद्धविराम, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का बयान, ये सभी चीजें बहुत महत्वपूर्ण थीं, और प्रधानमंत्री और सरकार को उन्हें प्राथमिकता देनी चाहिए थी, लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया।”
अब जबकि चर्चा को दोपहर 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है, देखना यह होगा कि क्या विपक्ष शांत होकर चर्चा में हिस्सा लेता है या गतिरोध जारी रहता है। यह सत्र राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े गंभीर मुद्दों पर तीखी बहस का गवाह बन सकता है, बशर्ते सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चले।