भारतीय मजदूर संघ के 70 वर्ष पूर्ण: भव्य समारोह में मोहन भागवत ने दिया ‘नया श्रमिक मॉडल’ बनाने का मंत्र
BMS-70 का ऐतिहासिक पड़ाव: राष्ट्रीय एकता, श्रमिक हित और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प का उद्घोष
- भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने नई दिल्ली में अपने 70 वर्ष पूर्ण होने का भव्य समापन समारोह मनाया।
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत मुख्य अतिथि, केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडविया विशिष्ट अतिथि रहे।
- ‘ई-कार्यकर्ता’ ऐप और 70 साल की यात्रा पर शॉर्ट फिल्म का अनावरण किया गया।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23 जुलाई, 2025: भारतीय मजदूर संघ (BMS), देश के सबसे बड़े श्रमिक संगठनों में से एक, ने अपने 70 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में वर्षभर चले आयोजनों की श्रृंखला का भव्य समापन समारोह आज नई दिल्ली के के.डी. जाधव कुश्ती हॉल, इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडविया ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता बीएमएस अध्यक्ष हिरणमय पांडेय ने की। इस समारोह ने न केवल संगठन की दशकों पुरानी यात्रा का जश्न मनाया, बल्कि श्रमिक कल्याण और राष्ट्र निर्माण के प्रति उसके भविष्य के संकल्पों को भी दोहराया।
संगठन की 70 वर्षों की गौरवशाली यात्रा
कार्यक्रम की शुरुआत बीएमएस दिल्ली प्रांत की अध्यक्ष इंदु जम्वाल के स्वागत भाषण से हुई, जिन्होंने सभी आगंतुकों और अतिथियों का हार्दिक अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि 1970 में दिल्ली में संगठन का प्रथम अधिवेशन हुआ था और आज BMS-70 कार्यक्रम का आयोजन उसी कड़ी में एक गौरवशाली पल है। अखिल भारतीय महामंत्री रविन्द्र हिम्मते ने मंच से वर्षभर चले विभिन्न आयोजनों की विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार भारतीय मजदूर संघ ने पिछले सात दशकों में श्रमिक हितों की रक्षा करते हुए संगठनात्मक विस्तार और वैचारिक स्पष्टता को बनाए रखा है। हिम्मते ने स्पष्ट किया कि यह समापन कोई अंत नहीं, बल्कि एक नया पड़ाव है – संगठन की यात्रा निरंतर चलती रहेगी, जो उनके भविष्य के लक्ष्यों को दर्शाता है।
श्री हिम्मते ने उन महान विभूतियों और कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने संगठन को इस ऊंचाई तक पहुंचाने में अपना जीवन समर्पित किया। उन्होंने स्मरण किया कि 23 जुलाई 2024 को मजदूर संघ ने अपने 70वें वर्ष में पदार्पण किया था, जिसकी शुरुआत उस ऐतिहासिक स्थल भोपाल से हुई थी, जहां से बीएमएस के कार्य की नींव रखी गई थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय मजदूर संघ ने अपने राष्ट्रीय, औद्योगिक और श्रमिक हित — इस त्रिसूत्रीय सिद्धांत पर कार्य करते हुए अपने 70 वर्षों के कार्यकाल को सफलतापूर्वक निभाया है। संगठन ने अपने मूल्यों में पारदर्शिता, सामूहिक निर्णय प्रणाली, और दलगत राजनीति से पूर्णत: दूर रहने का जो संकल्प लिया, वही इसकी दीर्घकालीन सफलता का आधार बना है।
बीएमएस: देश का शीर्ष और दुनिया का महत्वपूर्ण श्रमिक संगठन
बीएमएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिरणमय पांडेय ने अपने संबोधन में बताया कि 1989 के पूर्व बीएमएस दूसरे स्थान पर था, लेकिन उसके बाद से यह देश का शीर्ष मजदूर संगठन बना हुआ है। उन्होंने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि उनका संगठन युवा और महिलाओं का नेतृत्व न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी प्रदान कर रहा है। उन्होंने बताया कि हाल ही में G20 के अंतर्गत L20 (लेबर 20) में नेतृत्व मजदूर संघ ने किया और दुनिया को भारतीय श्रमिक विचार से अवगत कराया।
श्री पांडेय ने संगठन की वर्तमान पहुंच का विवरण देते हुए कहा कि आज बीएमएस देशभर में 28 प्रदेशों, 44 महासंघों और 6630 संगठनों के माध्यम से सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। उन्होंने नेपाल में बीएमएस की उपस्थिति को संगठन के अंतरराष्ट्रीय विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत बताया। श्री पांडेय ने दोहराया कि यह 70वां वर्ष उनके लिए एक पड़ाव है, न कि अंत। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह संगठन अपने 100वें वर्ष में प्रवेश कर वैश्विक मंच पर भी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराएगा।
डॉ. मोहन भागवत का मार्गदर्शन और ‘ई-कार्यकर्ता’ ऐप का अनावरण
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य वीर भगाये जी ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक विचारधारा और आंदोलन है, जिसकी भव्यता यह बता रही है कि यह अब समाज का कार्यक्रम बन चुका है। विशिष्ट अतिथि केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडविया ने मजदूर संघ की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि बीएमएस की कार्यशैली सिखाती और प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा कि बीएमएस 70 साल की लंबी कार्य अवधि में देश का सबसे बड़ा और दुनिया का महत्वपूर्ण संगठन बन चुका है, जिसे वैश्विक स्तर पर सम्मान दिया जा रहा है।
समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि यह केवल उत्सव का समय नहीं, बल्कि आत्म-अवलोकन का भी अवसर है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से चिंतन करने को कहा कि उन्होंने अब तक क्या किया है और आगे किस दिशा में बढ़ना है। डॉ. भागवत ने जोर दिया कि दुनिया को एक नया श्रमिक मॉडल देने की आवश्यकता है, और यह दायित्व बीएमएस को निभाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संगठन की वर्तमान प्रतिष्ठा पहली पीढ़ी के समर्पण, दूसरी पीढ़ी के विस्तार, और अब तीसरी एवं चौथी पीढ़ी की चेतना पर निर्भर करती है, और यह भाव आगे भी बना रहना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारे लिए मजदूरों का दुख समाज का दुख है। कोई व्यक्ति बीएमएस के पास लाभार्थी बनकर आता है और ध्येयार्थी बनकर चलता है।”
कार्यक्रम में तकनीकी सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी पहल के रूप में भारतीय मज़दूर संघ ने एक नवीन डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म ‘ई-कार्यकर्ता’ ऐप की भी शुरुआत की। यह ऐप संगठन के कार्यकर्ताओं, कार्यों और संवाद को तकनीकी रूप से एकीकृत करेगा। साथ ही, बीएमएस की 70 वर्ष की यात्रा पर आधारित एक शॉर्ट फिल्म प्रदर्शित की गई और ऑर्गनाइजर वीकली पत्रिका का एक विशेष संस्करण भी विमोचित किया गया, जिसमें बीएमएस की पूरी यात्रा को वर्णित किया गया है।
इस भव्य कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर के संघ पदाधिकारियों के साथ बीएमएस के विभिन्न प्रदेशों के अध्यक्ष, महामंत्री, फेडरेशन लीडर्स, कार्यकारिणी सदस्य, नेपाल से आए प्रतिनिधि, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता, अन्य मंत्रीगण और दिल्ली-एनसीआर से हजारों की संख्या में कर्मचारी उपस्थित रहे। पूरे कार्यक्रम में जोश, अनुशासन और संगठन के प्रति अटूट समर्पण की झलक साफ दिखाई दी। समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसमें उपस्थित हजारों कार्यकर्ताओं ने श्रमिक हित, सामाजिक न्याय और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए अपने संकल्प को दोहराया।