बिहार में बनेगा सफाई कर्मचारी आयोग: CM नीतीश
दलित वर्ग को सम्मान और अधिकार दिलाने की दिशा में बड़ा कदम
- बिहार सरकार ने ‘सफाई कर्मचारी आयोग’ के गठन की घोषणा की।
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दलित-बहुजन वर्गों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा देने की बात कही।
- आयोग सफाईकर्मियों की सेवा शर्तें, अधिकार और कल्याण योजनाओं पर काम करेगा।
समग्र समाचार सेवा
पटना, 27 जुलाई 2025 — बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए ‘सफाई कर्मचारी आयोग’ के गठन की बात कही है। इस कदम को राज्य में कार्यरत लाखों सफाईकर्मियों के लिए सामाजिक और आर्थिक न्याय की दिशा में बड़ी पहल माना जा रहा है।
पटना में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के सबसे वंचित तबकों को मुख्यधारा से जोड़ना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “हम सिर्फ भाषण नहीं देते, ज़मीनी स्तर पर काम करते हैं। अब सफाईकर्मियों की समस्याएं सुनने और समाधान करने के लिए एक स्थायी आयोग बनेगा।”
आयोग के कार्य और उद्देश्य
सफाई कर्मचारी आयोग का गठन विशेष रूप से इन बिंदुओं पर केंद्रित होगा:
सफाईकर्मियों की सेवा शर्तों का निर्धारण
वेतन, पेंशन और अन्य लाभों की निगरानी
स्वास्थ्य बीमा, शिक्षा और प्रशिक्षण की योजनाएं
निजी कंपनियों और ठेके पर काम कर रहे कर्मियों को सुरक्षा
भेदभाव और उत्पीड़न के मामलों की सुनवाई
सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि आयोग के माध्यम से दलित, महादलित और पिछड़े वर्गों को सामाजिक सुरक्षा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सफाईकर्मियों के योगदान को सम्मान देने और उन्हें गरिमा के साथ जीने का अधिकार दिलाने के लिए यह ज़रूरी कदम है।
नेताओं और संगठनों की प्रतिक्रिया
दलित संगठनों और श्रमिक यूनियनों ने इस घोषणा का स्वागत किया है। सामाजिक कार्यकर्ता और नेता इसे नीतीश सरकार द्वारा सामाजिक न्याय की दिशा में उठाया गया ऐतिहासिक कदम मान रहे हैं।
बिहार सरकार का यह निर्णय न केवल सामाजिक असमानता को कम करने में सहायक होगा, बल्कि स्वच्छता कार्य में लगे कर्मियों की ज़िंदगी को बेहतर बनाने की दिशा में भी एक मजबूत प्रयास है।