भारत-यूके एफटीए: ऑटो, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स सहित कई क्षेत्रों को मिलेगी नई रफ्तार

भारत-ब्रिटेन एफटीए का उद्योगों पर असर: ऑटो से फार्मा तक, इन क्षेत्रों में होंगे बड़े बदलाव

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  • भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) कई प्रमुख भारतीय क्षेत्रों के लिए गेम-चेंजर साबित होगा।
  • ऑटोमोबाइल, फार्मास्युटिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उद्योगों को यूके के बाजार में शुल्क-मुक्त पहुंच मिलेगी।
  • यह समझौता निर्यात बढ़ाएगा, निवेश आकर्षित करेगा और रोजगार के अवसर पैदा करेगा, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25 जुलाई, 2025: भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच हुए ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) से भारतीय अर्थव्यवस्था के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को जबरदस्त बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह समझौता न केवल व्यापार बाधाओं को दूर करेगा, बल्कि ऑटोमोबाइल, फार्मास्युटिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे प्रमुख उद्योगों के लिए यूके के विशाल बाजार तक पहुंच को आसान बनाकर निर्यात और निवेश में वृद्धि करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह डील भारत के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियानों को भी नई ऊर्जा देगी।

ऑटोमोबाइल क्षेत्र: निर्यात और साझेदारी के नए रास्ते

ऑटोमोबाइल क्षेत्र के लिए भारत-यूके एफटीए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। समझौते के तहत, भारतीय ऑटोमोबाइल घटकों (components) और कुछ तैयार वाहनों पर ब्रिटेन में लगने वाले शुल्क में कमी आएगी। वर्तमान में, भारतीय ऑटो पार्ट्स पर ब्रिटेन में कुछ शुल्क लगते हैं, लेकिन एफटीए के बाद ये या तो कम हो जाएंगे या पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगे। इससे भारतीय ऑटोमोबाइल निर्माताओं के लिए ब्रिटेन के बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनना आसान हो जाएगा।

यह समझौता टाटा मोटर्स जैसे भारतीय दिग्गजों के लिए भी फायदेमंद होगा, जिनकी ब्रिटेन में जगुआर लैंड रोवर (JLR) जैसी महत्वपूर्ण सहायक कंपनियां हैं। शुल्क में कमी से यूके में बनी ब्रिटिश कारों की भारत में कीमतें कम हो सकती हैं, जिससे भारतीय उपभोक्ताओं को भी फायदा होगा। इसके अतिरिक्त, इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों के लिए भी ब्रिटेन के बाजार तक पहुंच मिलने की उम्मीद है, जिससे भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में अपनी स्थिति मजबूत करने का अवसर मिलेगा।

फार्मास्युटिकल उद्योग: ‘विश्व की फार्मेसी’ को मिलेगा बूस्ट

भारत को ‘विश्व की फार्मेसी’ के रूप में जाना जाता है, और एफटीए भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग के लिए बड़े अवसर खोलेगा। इस समझौते के तहत, भारतीय जेनेरिक दवाओं को ब्रिटेन के बाजार में शुल्क-मुक्त पहुंच मिलेगी, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। ब्रिटेन यूरोप में भारत का सबसे बड़ा दवा निर्यात गंतव्य है, और यह समझौता इस स्थिति को और मजबूत करेगा।

इसके अलावा, सर्जिकल उपकरण, डायग्नोस्टिक उपकरण, ईसीजी मशीन, एक्स-रे सिस्टम जैसे कई चिकित्सा उपकरणों पर भी कोई शुल्क नहीं लगेगा। इससे भारतीय चिकित्सा-तकनीक कंपनियों की लागत कम हो जाएगी और उनके उत्पाद ब्रिटेन के बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बन जाएंगे। आयुष फार्मा उत्पादों को भी ब्रिटेन में नई पहचान और बाजार मिलने की उम्मीद है, जिससे समग्र रूप से भारतीय स्वास्थ्य सेवा उद्योग को लाभ होगा।

इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र: निर्यात क्षमता में भारी वृद्धि

इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र भी इस एफटीए से महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त करेगा। समझौते के बाद, भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों पर ब्रिटेन में लगने वाले आयात शुल्क में कमी आएगी या उन्हें पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा। इससे मोबाइल फोन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, और इलेक्ट्रॉनिक घटकों सहित विभिन्न भारतीय इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के निर्यात में भारी वृद्धि की उम्मीद है।

ब्रिटेन में उच्च गुणवत्ता वाले इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है, और भारतीय निर्माताओं को अब इस मांग को पूरा करने का बेहतर अवसर मिलेगा। यह भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में निवेश को भी आकर्षित करेगा, जिससे विनिर्माण क्षमता बढ़ेगी और नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। विशेषज्ञों का अनुमान है कि सॉफ्टवेयर और आईटी-सक्षम सेवाओं के लिए ब्रिटेन की महत्वाकांक्षी प्रतिबद्धताओं से भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियों के लिए निर्यात क्षमता में 15-20% की वार्षिक वृद्धि हो सकती है।

अन्य प्रमुख लाभ और दूरगामी प्रभाव

इन प्रमुख क्षेत्रों के अलावा, कपड़ा (Ready-made garments, घरेलू वस्त्र, कालीन), चमड़ा (जूते, चप्पल), रत्न और आभूषण, समुद्री उत्पाद, और इंजीनियरिंग उत्पाद जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों को भी शून्य-शुल्क पहुंच से भारी लाभ होगा। यह समझौता भारतीय व्यवसायों के लिए ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ाएगा, निवेश आकर्षित करेगा और दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को गहरा करेगा।

कुल मिलाकर, भारत-ब्रिटेन एफटीए भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई गति देगा, वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को मजबूत करेगा और देश के विभिन्न क्षेत्रों में विकास और रोजगार के नए द्वार खोलेगा। यह समझौता निश्चित रूप से भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

 

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