समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24 जुलाई -गाजा पट्टी भुखमरी, युद्ध और मानवीय त्रासदी का प्रतीक बन चुका है। इजरायली हमलों और सहायता की आपूर्ति रोकने से हालात भयावह होते जा रहे हैं। अब फिलिस्तीन ने भारत से अपील की है कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर इजरायल पर दबाव बनाए, ताकि मानवीय सहायता गाजा तक पहुँच सके।
भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अब्दुल्ला एम अबु शावेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि वे इजरायली नेतृत्व के साथ अपने रिश्तों का लाभ उठाकर गाजा में राहत पहुंचाने की कोशिश करें। शावेश ने कहा, “भारत ने हमेशा फिलिस्तीन का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समर्थन किया है। आज जब गाजा नरसंहार और भुखमरी की गिरफ्त में है, हमें भारत के समर्थन की पहले से कहीं ज्यादा जरूरत है।”
सूत्रों के अनुसार, फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र भेजकर सीधे हस्तक्षेप की अपील की है। पत्र में भारत से उम्मीद जताई गई है कि वह अपने रणनीतिक और कूटनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर इजरायल को मानवीय मदद की इजाज़त देने को मजबूर करेगा।
राजदूत शावेश ने आरोप लगाया कि, “गाजा में केवल बम नहीं गिराए जा रहे, बल्कि भोजन और पानी की आपूर्ति रोककर भुखमरी को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और इजरायल की रणनीति ने हालात को नरसंहार की दिशा में धकेल दिया है।
संयुक्त राष्ट्र ने भी गाजा की स्थिति को “भयावह” बताया है। हाल में भुखमरी से मरने वालों की संख्या 101 हो गई है, जिसमें 80 बच्चे शामिल हैं। एक ही दिन में 15 लोग भूख से मरे हैं, जिनमें चार बच्चे थे।
इस संकट के बीच जापान, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और कई यूरोपीय देशों समेत 28 देशों ने एक संयुक्त बयान जारी किया है। बयान में गाजा युद्ध को तत्काल रोकने की मांग की गई और इजरायल से अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करने को कहा गया। इन देशों ने सहायता की धीमी गति और गाजा में हो रही निर्दोष नागरिकों की मौतों की कड़ी निंदा की।
गाजा में हर बीतता दिन मानवता के लिए एक चेतावनी बनता जा रहा है। अब देखना होगा कि भारत अपनी परंपरागत संतुलनकारी भूमिका निभाते हुए फिलिस्तीन की इस पुकार पर क्या प्रतिक्रिया देता है।