गुजरात ATS का बड़ा ऑपरेशन: अल-कायदा के 4 आतंकी गिरफ्तार

अल-कायदा के स्लीपर सेल का भंडाफोड़: गुजरात एटीएस ने दबोचे चार खूंखार आतंकी, 'गजवा-ए-हिंद' का मिशन फेल

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
  • गुजरात एटीएस (ATS) ने अल-कायदा के चार आतंकियों को गिरफ्तार किया, बड़ी आतंकी साजिश नाकाम।
  • गिरफ्तारियां गुजरात, दिल्ली और नोएडा से हुईं, सभी आतंकी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के खिलाफ सोशल मीडिया पर सक्रिय थे।
  • इन आतंकियों के पास से जिहादी सामग्री और गोपनीय दस्तावेज बरामद, पाकिस्तानी लिंक भी सामने आए।

समग्र समाचार सेवा
अहमदाबाद, 24 जुलाई, 2025: गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ता (ATS) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए प्रतिबंधित आतंकी संगठन अल-कायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) से जुड़े एक आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है। एटीएस ने एक साथ कई राज्यों में चलाए गए अभियान में चार खूंखार आतंकियों को गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारियां गुजरात (अहमदाबाद और मोडासा), दिल्ली और उत्तर प्रदेश के नोएडा से की गई हैं। इन गिरफ्तारियों के साथ ही देश में एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया गया है, जिसका उद्देश्य भारत में हिंसा भड़काना और लोकतांत्रिक व्यवस्था को अस्थिर करना था।

तीन राज्यों से धरपकड़: कौन हैं ये आतंकी?

गुजरात एटीएस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, गुप्त सूचना और गहन तकनीकी निगरानी के बाद यह ऑपरेशन चलाया गया। गिरफ्तार किए गए आतंकियों की पहचान मोहम्मद फैज (दिल्ली), मोहम्मद फरदीन शेख (अहमदाबाद), सैफुल्लाह कुरैशी (मोडासा, गुजरात) और जीशान अली (नोएडा, उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई है। ये सभी आतंकी युवा हैं, जिनकी उम्र 20 से 25 साल के बीच बताई जा रही है।

मोहम्मद फैज, जो इस मॉड्यूल का कथित मास्टरमाइंड है, दिल्ली में एक फास्ट फूड चेन में मैनेजर के रूप में काम कर रहा था। जीशान अली नोएडा में मोबाइल की दुकान पर घंटों बिताता था और संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त रहता था। एटीएस सूत्रों के मुताबिक, ये आतंकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के खिलाफ पाकिस्तान के पक्ष में माहौल बनाने और युवाओं को ‘जिहाद’ के लिए कट्टरपंथी बनाने का काम कर रहे थे।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पाकिस्तान से लिंक

जांच में सामने आया है कि ये गिरफ्तार आतंकी सोशल मीडिया के जरिए सीमा पार बैठे अल-कायदा के नेटवर्क से जुड़े हुए थे। ये लगातार पाकिस्तान के दो सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान गोपनीय जानकारियां वहां तक पहुंचा रहे थे। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के खिलाफ पाकिस्तानी आर्मी के ‘ऑपरेशन बुन्यान-ए-मर्सूस’ के पक्ष में ये लोग सोशल मीडिया पर माहौल बना रहे थे। यहां तक कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान कई बार पाक आर्मी और आईएसआई अधिकारियों से भी संपर्क में थे।

इनके पास से जिहादी साहित्य, अल-कायदा से जुड़े दस्तावेज, एक तलवार और कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जैसे लैपटॉप और मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। जांच से पता चला है कि ये आतंकी इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग ग्रुप बनाकर अपनी आतंकी विचारधारा का प्रचार-प्रसार कर रहे थे। इनका मकसद भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था को उखाड़ फेंकना और शरिया (इस्लामी कानून) लागू करना था।

आगे की जांच और देशव्यापी अलर्ट

इन आतंकियों को 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है और उनसे गहन पूछताछ जारी है। एटीएस की साइबर टीम बरामद किए गए सोशल मीडिया हैंडल्स, चैट रिकॉर्ड्स और अन्य डिजिटल सबूतों की गहन जांच कर रही है। अधिकारियों को शक है कि इस नेटवर्क में और भी लोग शामिल हो सकते हैं और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। सूत्रों के अनुसार, इस जांच में अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भी शामिल हो सकती है।

गुजरात एटीएस की यह सफलता देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है, खासकर आगामी त्योहारों और महत्वपूर्ण आयोजनों को देखते हुए। सुरक्षा एजेंसियों को देशभर में अलर्ट कर दिया गया है और खुफिया तंत्र से जुड़े अन्य मॉड्यूल की तलाश में जुट गए हैं। यह ऑपरेशन दर्शाता है कि आतंकी संगठन सोशल मीडिया का इस्तेमाल युवाओं को निशाना बनाने और उन्हें कट्टरपंथी बनाने के लिए कर रहे हैं, जिससे निपटने के लिए लगातार सतर्कता और संयुक्त प्रयास आवश्यक हैं।

 

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.