कंबोडिया में साइबर अपराध पर बड़ी कार्रवाई: 3000 से अधिक गिरफ्तार, 105 भारतीय भी शामिल

कंबोडिया में साइबर ठगी रैकेट पर शिकंजा: बड़ी कार्रवाई में 105 भारतीय भी फंसे

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  • कंबोडिया में पिछले 15 दिनों में साइबर अपराध के खिलाफ बड़ा अभियान, 3,075 लोग गिरफ्तार।
  • गिरफ्तार किए गए लोगों में 105 भारतीय नागरिक भी शामिल, भारत सरकार की अपील पर हुई कार्रवाई।
  • डिजिटल अरेस्ट, ऑनलाइन स्कैम जैसे अपराधों पर लगाम, लैपटॉप, मोबाइल, ड्रग्स और फर्जी वर्दी बरामद।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24 जुलाई, 2025: कंबोडिया में साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़े अभियान के तहत पिछले 15 दिनों में 3,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन गिरफ्तारियों में 105 भारतीय नागरिक भी शामिल हैं, जो ऑनलाइन ठगी और ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसे घोटालों में कथित रूप से शामिल थे। यह कार्रवाई भारत सरकार के गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की अपील के बाद कंबोडियाई अधिकारियों द्वारा की गई है, जो दोनों देशों के बीच साइबर अपराध से निपटने के लिए बढ़ते सहयोग को दर्शाता है।

बड़े पैमाने पर चला अभियान, 138 ठिकानों पर छापेमारी

कंबोडियाई अधिकारियों ने प्रधानमंत्री हुन मानेट के सीधे आदेश पर, 27 जून से 22 जुलाई तक नोम पेन्ह और देश के 16 अन्य प्रांतों में कुल 138 अलग-अलग ठिकानों पर बड़े पैमाने पर छापेमारी की। इन व्यापक अभियानों के परिणामस्वरूप कुल 3,075 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें 606 महिलाएं भी शामिल हैं।

गिरफ्तार किए गए लोगों में केवल भारतीय ही नहीं, बल्कि विभिन्न देशों के नागरिक शामिल हैं। इनमें 1,028 चीनी, 693 वियतनामी, 366 इंडोनेशियाई, 101 बांग्लादेशी, 82 थाई, 57 कोरियाई, 81 पाकिस्तानी, 13 नेपाली और 4 मलेशियाई नागरिक मुख्य रूप से शामिल हैं। इसके अलावा फिलीपींस, नाइजीरिया, म्यांमार, रूस और युगांडा जैसे अन्य देशों के लोग भी पकड़े गए हैं।

‘डिजिटल अरेस्ट’ और ऑनलाइन स्कैम का भंडाफोड़

यह कार्रवाई विशेष रूप से ‘डिजिटल अरेस्ट’ और ऑनलाइन स्कैम के उन रैकेट्स को निशाना बनाने के लिए की गई थी जो कंबोडिया से संचालित हो रहे थे और भारत सहित कई देशों में लोगों को निशाना बना रहे थे। इन गिरोहों द्वारा पीड़ितों को नौकरी के फर्जी प्रस्तावों का लालच दिया जाता था, उन्हें प्रताड़ित किया जाता था, और फिर पैसे ऐंठने के लिए उन्हें ‘डिजिटल अरेस्ट’ करने की धमकी दी जाती थी।

छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से लैपटॉप, मोबाइल फोन, कंप्यूटर, टैबलेट, ड्रग्स, हथियार, गोलियां, नकली पुलिस की वर्दी, और ड्रग्स प्रोसेसिंग मशीनें सहित बड़ी संख्या में उपकरण और आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है। कई मामलों में एक्स्टेसी पाउडर जैसी नशीली दवाएं भी मिली हैं, जो इस गोरखधंधे की गंभीरता को दर्शाती हैं।

भारत सरकार की पहल और भारतीयों की वापसी की तैयारी

भारत सरकार को गुप्त सूचना मिली थी कि भारत में हो रही ठगी की अधिकतर घटनाओं को कंबोडिया में बैठे गिरोह अंजाम दे रहे हैं। इसी के चलते गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने पिछले महीने कंबोडियाई अधिकारियों से बैठक की थी और इन साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी।

अब भारत सरकार कंबोडिया में गिरफ्तार किए गए 105 भारतीयों को वापस लाने की कोशिश कर रही है। हालांकि, इस पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह कार्रवाई बेहद गोपनीय तरीके से की गई है। ऐसा माना जा रहा है कि इन गिरफ्तारियों के बाद और भी कई लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है, और इस गोरखधंधे के तार कंबोडिया के अलावा दूसरे देशों में भी जुड़े हो सकते हैं, जिसकी जांच की जा रही है। भारत सरकार ने अपने नागरिकों को कंबोडिया में चल रहे साइबर ठगी रैकेट से सावधान रहने की चेतावनी भी जारी की है।

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