नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाने की अटकलें तेज: राजद का बड़ा दावा

बिहार की सियासत में हलचल: उपराष्ट्रपति पद को लेकर दावे-प्रतिदावे

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  • राजद का दावा: जगदीप धनखड़ का इस्तीफा बीजेपी की साजिश, नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाना मकसद।
  • जदयू का खंडन: नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने रहेंगे, राजद के दावे को मनगढ़ंत बताया।
  • बिहार की राजनीति में गरमाहट: उपराष्ट्रपति पद के लिए नए नामों की चर्चा के बीच सियासी पारा चढ़ा।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22 जुलाई 2025: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद बिहार की राजनीति में गर्मागर्मी बढ़ गई है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने एक चौंकाने वाला दावा किया है कि उपराष्ट्रपति का यह पद खाली करना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। राजद का आरोप है कि भाजपा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राज्य की राजनीति से किनारे करने के लिए उन्हें उपराष्ट्रपति का “राजनीतिक रूप से महत्वहीन” पद देना चाहती है। हालांकि, जनता दल (यूनाइटेड) ने इन दावों को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने रहेंगे।

राजद का “षड्यंत्र” का आरोप

राजद के मुख्य सचेतक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने मंगलवार को यह गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा लंबे समय से नीतीश कुमार से छुटकारा पाना चाहती है और बिहार में अपना मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। शाहीन के अनुसार, आगामी विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा की बेचैनी बढ़ गई है, और इसी के चलते धनखड़ का इस्तीफा एक चाल है, ताकि नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाकर उन्हें बिहार के राजनीतिक परिदृश्य से दूर किया जा सके। राजद नेता ने यह भी याद दिलाया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे जैसे कुछ भाजपा नेता पहले भी नीतीश कुमार को उपप्रधानमंत्री बनाने की वकालत कर चुके हैं, जो उनके अनुसार, नीतीश कुमार को “साइडलाइन” करने की भाजपा की पुरानी मंशा को दर्शाता है। दिवंगत भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने भी 2022 में दावा किया था कि नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति पद के लिए लॉबिंग कर रहे थे और जब भाजपा ने उनकी मांग नहीं मानी तो उन्होंने एनडीए छोड़ दिया था।

जदयू ने किया दावों को खारिज

राजद के इन तीखे आरोपों पर जदयू ने तुरंत प्रतिक्रिया दी है। बिहार सरकार के मंत्री और नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी श्रवण कुमार ने इन दावों को पूरी तरह से मनगढ़ंत बताया। उन्होंने दृढ़तापूर्वक कहा, “नीतीश कुमार के बिहार छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है। वह यहीं रहेंगे, आगामी विधानसभा चुनावों में एनडीए को जीत दिलाएंगे और राज्य की जनता की सेवा करते हुए एक और कार्यकाल का आनंद लेंगे।” जदयू के एक अन्य नेता मदन सहनी ने भी राजद के दावों को गलत करार देते हुए कहा कि जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है, न कि किसी राजनीतिक दबाव के चलते।

भाजपा के अंदर भी मिली-जुली राय?

इस बीच, कुछ भाजपा नेताओं की ओर से भी अलग-अलग बयान सामने आए हैं। भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने खुलकर नीतीश कुमार का नाम उपराष्ट्रपति पद के लिए प्रस्तावित किया है। उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति बनते हैं तो यह बिहार के लिए “शुभ” होगा। हालांकि, भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व और जदयू के वरिष्ठ नेता यह स्पष्ट कर चुके हैं कि नीतीश कुमार ही आगामी चुनावों में एनडीए का चेहरा होंगे और बिहार के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपना इस्तीफा सौंपा, जिसे मंगलवार को स्वीकार कर लिया गया।

इस पूरे घटनाक्रम ने बिहार की राजनीति में गहमागहमी बढ़ा दी है और आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि उपराष्ट्रपति पद को लेकर कौन सा नाम सामने आता है और बिहार की सियासत किस करवट बैठती है।

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