जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद अगला उपराष्ट्रपति कौन?

उपराष्ट्रपति पद का चुनाव: संसद में हलचल, कौन होगा अगला उम्मीदवार?

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  • उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया, पद हुआ रिक्त।
  • नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी, संविधान के तहत ‘यथाशीघ्र’ चुनाव अनिवार्य।
  • राजग (NDA) के पास बहुमत, अगला उपराष्ट्रपति सत्तारूढ़ गठबंधन का ही होने की संभावना।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22 जुलाई 2025: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से अचानक इस्तीफे के बाद, देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद को भरने की प्रक्रिया तेज हो गई है। संसद के मानसून सत्र के पहले दिन ही दिए गए इस इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। संविधान के अनुच्छेद 67(क) के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इस्तीफा सौंपने के बाद, अब यह सवाल प्रमुख हो गया है कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा और इस पद के लिए चुनावी प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ेगी।

उपराष्ट्रपति चुनाव की संवैधानिक प्रक्रिया

संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति का पद रिक्त होने पर ‘यथाशीघ्र’ चुनाव कराना अनिवार्य है। हालाँकि, इसके लिए कोई निश्चित समय-सीमा निर्धारित नहीं है, लेकिन आमतौर पर यह प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जाती है। उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा – के सदस्यों से मिलकर बने एक निर्वाचक मंडल (इलेक्टोरल कॉलेज) द्वारा किया जाता है। इसमें संसद के सभी निर्वाचित और मनोनीत सदस्य शामिल होते हैं। यह चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत (Single Transferable Vote) के माध्यम से गुप्त मतदान द्वारा होता है। इस प्रक्रिया में उम्मीदवार को कम से कम 20 सांसदों द्वारा प्रस्तावित और 20 सांसदों द्वारा समर्थित होना आवश्यक है। चुनाव आयोग इस पूरी प्रक्रिया का संचालन करता है।

अंतरिम व्यवस्था और संभावित दावेदार

जब तक नए उपराष्ट्रपति का चुनाव नहीं हो जाता, तब तक राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह सदन की कार्यवाही का संचालन करेंगे। वह जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद हैं और उन्हें सरकार का भरोसेमंद सहयोगी माना जाता है। जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में नए सिरे से मंथन शुरू हो गया है। चूंकि उपराष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में राजग के पास स्पष्ट बहुमत है, इसलिए उनके द्वारा नामित उम्मीदवार का जीतना लगभग तय माना जा रहा है।

अगले उपराष्ट्रपति के लिए कई नामों पर चर्चा जारी है। इनमें सबसे प्रमुख नाम वर्तमान राज्यसभा उपसभापति हरिवंश सिंह का है, जिन्हें सरकार का करीबी माना जाता है और उनके पास संसदीय अनुभव भी है। इसके अलावा, भाजपा किसी वरिष्ठ पार्टी नेता, किसी मौजूदा राज्यपाल (जैसा कि जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे), या किसी अनुभवी केंद्रीय मंत्री को भी इस पद के लिए विचार कर सकती है। पार्टी एक ऐसे उम्मीदवार का चयन करना चाहेगी जो सर्वसम्मति से स्वीकार्य हो और किसी बड़े विवाद से परे हो। कुछ राजनीतिक गलियारों में असंतुष्ट कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नाम को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन भाजपा द्वारा किसी “बाहरी” को इतने महत्वपूर्ण संवैधानिक पद पर चुनने की संभावना कम मानी जाती है।

जगदीप धनखड़ का कार्यकाल अगस्त 2027 तक था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से उनके इस्तीफे ने यह पद रिक्त कर दिया है। अब सभी की निगाहें सत्ता पक्ष पर टिकी हैं कि वे किस नाम पर मुहर लगाते हैं। विपक्ष भी अपने उम्मीदवार पर विचार करेगा, हालांकि संख्या बल को देखते हुए उनकी चुनौती कठिन होगी। आने वाले दिनों में चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां और तेज हो जाएंगी।

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