दिल्ली एयरपोर्ट पर एयर इंडिया फ्लाइट में आग
IGI एयरपोर्ट पर बड़ा हादसा टला, लैंडिंग के बाद लगी आग, यात्रियों में मचा हड़कंप
- एयर इंडिया की हांगकांग-दिल्ली फ्लाइट में उतरने के बाद लगी आग
- सभी यात्री और क्रू सदस्य सुरक्षित, बड़ा हादसा टला
- DGCA ने मामले की जांच शुरू की
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22 जुलाई 2025 : दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर सोमवार को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। एयर इंडिया की हांगकांग से दिल्ली आने वाली फ्लाइट (AI 317) जैसे ही लैंड हुई, उसके पिछले हिस्से से धुआं और आग निकलती देखी गई। हालांकि राहत की बात यह रही कि सभी 176 यात्री और चालक दल के सदस्य पूरी तरह सुरक्षित हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विमान के रियर गियर (पीछे के पहिए) के पास से आग और धुआं निकलते देखा गया, जिसके बाद तुरंत फायर ब्रिगेड टीम और अन्य इमरजेंसी स्टाफ हरकत में आ गए। इमरजेंसी रिस्पॉन्स प्रोटोकॉल के तहत सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से बताया गया कि यह घटना दोपहर करीब 5:40 बजे हुई, जब विमान IGI के रनवे पर सफलतापूर्वक लैंड कर चुका था। अचानक टेक्सींग करते वक्त आग लगने के संकेत मिले। तुरंत सभी यात्रियों को सुरक्षित एग्जिट कराया गया और विमान को आइसोलेट कर आग बुझाई गई।
एयर इंडिया की ओर से जारी बयान में कहा गया कि घटना के कारणों की जांच की जा रही है और विमान को फिलहाल संचालन से बाहर कर दिया गया है। किसी भी यात्री को चोट नहीं पहुंची है।
DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) ने घटना को गंभीर मानते हुए तुरंत जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, यह तकनीकी खराबी या ब्रेक हीटिंग की वजह से हुआ हादसा हो सकता है।
विमान में सवार कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी चिंता और राहत साझा की। कुछ ने कहा कि लैंडिंग के समय कंपन और हल्का धुआं महसूस हुआ, जिससे कुछ देर के लिए भय का माहौल बन गया था।
गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में एयर इंडिया की उड़ानों में तकनीकी खराबियों की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे यात्रियों में चिंता बढ़ती जा रही है। DGCA पहले से ही एयरलाइंस पर सुरक्षा मानकों को लेकर सख्त निगरानी कर रहा है।
हालांकि एयर इंडिया ने स्थिति को नियंत्रित करने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में तत्परता दिखाई, लेकिन यह घटना एक बार फिर एविएशन सेक्टर में सुरक्षा की सतर्कता की आवश्यकता को रेखांकित करती है।