ऑपरेशन सिंदूर और ट्रंप का नया दावा: भारत-पाक तनाव पर सियासी बवंडर

ट्रंप ने '5 जेट' गिराने का दावा किया, भारत सरकार पर विपक्ष का दबाव

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  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान हवाई संघर्ष में ‘पांच जेट’ गिराए जाने का दावा दोहराया।
  • ट्रंप खुद को भारत-पाक तनाव रोकने का श्रेय देते हुए व्यापार सौदों को ‘दबाव’ का जरिया बता रहे हैं।
  • कांग्रेस, खासकर राहुल गांधी, ने इस बयान पर पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए और संसद में जवाब मांगा है।

समग्र समाचार सेवा
दिल्ली, 21 जुलाई 2025: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच हुए हवाई संघर्ष को लेकर अपने दावों से सुर्खियों में हैं। उन्होंने हाल ही में यह कहकर सनसनी फैला दी है कि इस दौरान ‘पांच जेट’ गिराए गए थे, हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये विमान किस देश के थे। ट्रंप ने एक बार फिर खुद को भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने का सूत्रधार बताया है, जिसका आधार उन्होंने कथित तौर पर ‘व्यापार सौदों’ को बताया है। उनके इस बयान ने भारतीय राजनीति में भूचाल ला दिया है, और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस पर तत्काल स्पष्टीकरण की मांग की है।

ट्रंप के चौंकाने वाले दावे और विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में रिपब्लिकन सांसदों के साथ एक निजी रात्रिभोज के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच मई 2025 में हुए हवाई संघर्ष का जिक्र किया। उनके शब्दों में, “हमने कई युद्ध रोके। और ये गंभीर युद्ध थे। भारत और पाकिस्तान, जो चल रहा था। वहां से विमानों को मार गिराया जा रहा था। मुझे लगता है कि पांच जेट, शायद चार या पांच, लेकिन मुझे लगता है कि पांच जेट गिराए गए थे।” ट्रंप ने यह भी दावा किया कि दोनों देश (भारत और पाकिस्तान) परमाणु शक्ति संपन्न थे और स्थिति बेहद गंभीर होती जा रही थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने व्यापारिक समझौतों का हवाला देकर इस स्थिति को शांत किया। “हमने कहा, तुम लोग व्यापार सौदा करना चाहते हो? अगर तुम हथियार, और शायद परमाणु हथियार, फेंकते रहोगे तो हम कोई व्यापार सौदा नहीं करेंगे।”

ट्रंप के इस बयान के तुरंत बाद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोल दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सीधे प्रधानमंत्री से सवाल किया कि “5 जेट का सच क्या है?” उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “डोनाल्ड ट्रंप बार-बार भारत-पाकिस्तान संघर्ष में ‘पांच जेट’ गिराए जाने का दावा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी चुप क्यों हैं? देश को सच जानने का हक है।” कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी संसद के आगामी मानसून सत्र में इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से विस्तृत बयान देने की मांग की है।

ऑपरेशन सिंदूर: पलटवार की कहानी

यह पूरा घटनाक्रम भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद की स्थिति से जुड़ा है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए नृशंस आतंकी हमले, जिसमें निर्दोष नागरिकों की जान गई थी, के जवाब में भारत ने 7 मई को एक बड़ा सैन्य अभियान चलाया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत, भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा सहित 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई और मिसाइल हमले किए। भारत ने स्पष्ट किया था कि यह कार्रवाई केवल आतंकी बुनियादी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए थी और इसका उद्देश्य पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाना नहीं था।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद, पाकिस्तान ने जवाबी ड्रोन और मानव रहित लड़ाकू हवाई वाहन (UCAV) हमले किए, जिन्हें भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने सफलतापूर्वक बेअसर कर दिया। इसके बाद, भारतीय वायुसेना ने कई पाकिस्तानी एयरबेसों पर भी पलटवार किया, जिससे पाकिस्तान को भारी नुकसान होने की खबरें आईं। 10 मई 2025 को दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम की घोषणा हुई, जिसे भारत ने पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के महानिदेशक द्वारा संपर्क साधने का परिणाम बताया।

मध्यस्थता के दावे पर भारत का दृढ़ रुख

डोनाल्ड ट्रंप का यह दावा कि उन्होंने व्यापार सौदों के जरिए भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति को रोका, नया नहीं है। वह पहले भी कई बार ऐसी बातें कह चुके हैं। हालांकि, भारत ने हमेशा इस बात से इनकार किया है कि इस तनाव को कम करने में किसी बाहरी देश की मध्यस्थता की कोई भूमिका थी। भारत का स्पष्ट रुख रहा है कि जम्मू-कश्मीर और उससे जुड़े मुद्दे उसके आंतरिक मामले हैं और किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार्य नहीं है।

भारतीय रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने आतंकवाद के प्रति भारत के ‘जीरो टॉलरेंस’ (शून्य सहिष्णुता) की नीति को दृढ़ता से स्थापित किया है। यह पाकिस्तान के लिए एक स्पष्ट संदेश था कि अब सीमा पार आतंकवाद को ‘लागत-मुक्त विकल्प’ के रूप में नहीं देखा जाएगा। ट्रंप के बयान अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक संवेदनशील विषय को बार-बार उठाते हैं और भारतीय संसद में भी इन पर गरमागरम बहस होना तय है।

सियासी घमासान और राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा

ट्रंप के ‘पांच जेट’ वाले बयान ने भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक टकराव को और बढ़ा दिया है। कांग्रेस इसे प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक गंभीर सवाल के रूप में पेश कर रही है, जबकि भाजपा इसे विपक्ष द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर अनावश्यक राजनीति करने का प्रयास बता रही है। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर आम जनता के बीच तीखी बहस छिड़ी हुई है।

आगामी संसद सत्र में, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भारत सरकार इस मुद्दे पर क्या स्पष्टीकरण देती है। खासकर, विपक्ष की मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं इस पर सदन में बयान दें। राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी संबंधों से जुड़े ऐसे संवेदनशील मामलों में सरकार की ओर से पारदर्शिता और स्पष्टता देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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