कामधेनु आरोग्य संस्थान में ‘सेवा’ का अनुपम संगम

नूँह के बिस्सर अकबरपुर में सेवा और प्रकृति का अनूठा उत्सव, वन महोत्सव और निःशुल्क चिकित्सा शिविर का भव्य आयोजन

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  • पर्यावरण और स्वास्थ्य का मेल: वन महोत्सव के साथ निःशुल्क ई.एन.टी. चिकित्सा शिविर का आयोजन।
  • गणमान्य हस्तियों की उपस्थिति: रेलवे, वन विभाग, धार्मिक और सामाजिक संगठनों के प्रमुख हुए शामिल।
  • गोसेवा और मानव कल्याण: कामधेनु गोधाम के सेवा कार्यों की सराहना और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा।

नूँह, तावड़ू, 20 जुलाई 2025: आज नूँह के गाँव बिस्सर अकबरपुर स्थित कामधेनु आरोग्य संस्थान में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहाँ वन महोत्सव और निःशुल्क चिकित्सा शिविर का अद्भुत संगम देखने को मिला। कामधेनु गोधाम परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ जनसेवा भी था। इस अवसर पर कई गणमान्य हस्तियाँ उपस्थित रहीं, जिन्होंने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया।

प्रमुख अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महेश गर्ग बेधड़क, आई.आर.एस., चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर तथा एडिशनल सेक्रेट्री, मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे मौजूद रहे। जयपुर निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर आचार्य नर्मदा शंकर पुरी जी महाराज और पूज्य योगी बालक नाथ जी, शिव गोरखनाथ गौशाला, नारनौल, हरियाणा ने अपने आशीर्वचन प्रदान किए। अतिविशिष्ट अतिथि प्रदीप गुलिया एच.एफ.एस., डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर, नूँह रहे। मुख्य वक्ता और निःशुल्क ई.एन.टी. शिविर के आयोजक डॉ. अरुण कुमार अग्रवाल ने अपनी विशेषज्ञता से शिविर को सफल बनाया। विशिष्ट अतिथियों में अशोक बुवानीवाला, प्रदेश अध्यक्ष, अग्रवाल वैश्य समाज हरियाणा और डॉ. डीपी गोयल, संस्थापक, कैनविन फाउंडेशन, गुरुग्राम भी शामिल थे। हरियाणा राज्य और देश के कोने-कोने से अनेक महानुभावों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

हवन और आरोग्य शिविर का शुभारंभ

कार्यक्रम का शुभारंभ आदर्श गर्ग के संचालन में हुए पवित्र हवन के साथ हुआ। हवन प्रथा के अनुसार, जुलाई मास में जन्मे लोगों, जिनकी शादी की सालगिरह थी, या जिनकी पुण्यतिथि थी, उनके नाम से अग्नि देव को आहुतियाँ अर्पित की गईं। इस दौरान समस्त मानव जाति के सुख-शांति और कल्याण के लिए प्रार्थना की गई। हवन के बाद, डॉ. अरुण अग्रवाल ने सभी अतिथियों के साथ मिलकर निःशुल्क ई.एन.टी. चिकित्सा शिविर का औपचारिक उद्घाटन और शुभारंभ किया। इस शिविर में कान, नाक और गले से संबंधित रोगों की जाँच और परामर्श निःशुल्क उपलब्ध कराए गए, जिससे क्षेत्र के लोगों को काफी लाभ मिला।

अतिथियों का स्वागत और संस्थान का परिचय

संस्थान के संस्थापक डॉ. एस.पी. गुप्ता ने सभी अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और गोधाम के इस कार्यक्रम में आने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कामधेनु आरोग्य वेलनेस संस्थान (KAWS) के विषय में विस्तार से बताया और उसमें संचालित कार्यों की जानकारी दी। डॉ. गुप्ता ने कल्पवृक्ष और कामधेनु गौ माता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इनके सान्निध्य में की गई मनोकामनाएँ शीघ्र पूर्ण होती हैं। उन्होंने संस्थान में उपलब्ध विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया और बताया कि यहाँ एक मंदिर का निर्माण भी किया जा रहा है, जो सभी की आस्था का केंद्र बनेगा। उन्होंने सभी से अधिक से अधिक पौधे लगाकर प्रकृति को सुरक्षित रखने में योगदान देने का भी अनुरोध किया।

विभिन्न वक्ताओं के विचार और गोसेवा का महत्व

अशोक बुवानीवाला ने डॉ. एस.पी. गुप्ता के प्रशासनिक सेवा से समाज सेवा में आने के संकल्प की प्रशंसा की और मेवात जैसे क्षेत्र में ऐसे संस्थान के निर्माण को सराहनीय बताया। डॉ. अरुण अग्रवाल ने डॉ. एस.पी. गुप्ता और शशि गुप्ता के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि डॉक्टर को रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। उन्होंने बीमारियों के बढ़ते प्रकोप का कारण अनियमित दिनचर्या को बताया और इसे सुधारने पर जोर दिया। मानस तत्व अनुसंधान केंद्र बहरोड़ से आए पंडित अशोक वोहरा ने सनातन संस्कृति और गोसेवा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए शास्त्रों के सिद्धांतों को समझाया। योगी बालक नाथ जी ने गोसेवा और पंचगव्य के दैनिक जीवन में उपयोगिता पर बल दिया।

महेश गर्ग बेधड़क ने डॉ. एस.पी. गुप्ता और शशि गुप्ता के अथक प्रयासों को सराहा और बताया कि कामधेनु संस्थान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर रहा है। उन्होंने अपनी स्वरचित कविताओं से सभी को मंत्रमुग्ध किया। महामंडलेश्वर आचार्य नर्मदा शंकर पुरी जी महाराज ने श्लोकों और भजनों के साथ अपने आशीर्वचन दिए, जिसमें उन्होंने भक्ति, सद्कर्म और लक्ष्मी के सही उपयोग पर प्रकाश डाला।

वी.पी. गोयल ने डॉ. एस.पी. गुप्ता और शशि गुप्ता को मानव जीवन को देश के लिए उपयोगी बनाने का सर्वोत्तम उदाहरण बताया और सभी को अपनी आय का कुछ हिस्सा शुभ सेवा कार्यों, गोसेवा और धर्म के कार्यों में लगाने का आह्वान किया। अंत में, संस्थान की उपाध्यक्ष शशि गुप्ता ने संतों के सान्निध्य को जीवन का सौभाग्य बताते हुए दान, भोग और संग्रह के माध्यम से लक्ष्मी के उपयोग पर विचार साझा किए।

सभी उपस्थित गोभक्तों ने संस्थान के प्रांगण में वृक्षारोपण कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया और पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। इस अवसर पर सेवानिवृत्त आई.पी.एस यशपाल सिंघल सहित क्षेत्र के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे, जिन्होंने इस नेक कार्य को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।

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