पंजाब सरकार ने बढ़ाया प्रॉपर्टी टैक्स: शहरी क्षेत्रों में 5% की वृद्धि

राजस्व बढ़ाने और विकास को गति देने का प्रयास, 1 अप्रैल से लागू नई दरें

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  • पंजाब सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों में संपत्ति कर में 5% की वृद्धि की घोषणा की।
  • बढ़ी हुई दरें 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी, अंतिम संशोधन 2021 में हुआ था।
  • सरकार का उद्देश्य राजस्व बढ़ाना और शहरी विकास योजनाओं के लिए धन जुटाना है।

समग्र समाचार सेवा
चंडीगढ़, 19 जुलाई 2025: पंजाब सरकार ने राज्य के शहरी स्थानीय निकायों (ULB) में संपत्ति कर (Property Tax) की न्यूनतम दरों में 5% की वृद्धि की घोषणा की है। स्थानीय निकाय विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यह वृद्धि 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो गई है। इस निर्णय से शहरी क्षेत्रों में संपत्ति मालिकों की कर देनदारियां बढ़ जाएंगी, हालांकि सरकार का कहना है कि यह कदम राज्य के शहरी ढांचे के विकास और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से उठाया गया है।

वृद्धि के पीछे के कारण और उद्देश्य

पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने इस वृद्धि के पीछे के कई कारणों को स्पष्ट किया है। सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि संपत्ति कर की न्यूनतम दरों को मौजूदा सर्किल दरों के अनुरूप लाया जा सके, क्योंकि अंतिम संशोधन 2021 में किया गया था। यह वृद्धि दरों को वर्तमान बाजार मूल्यों के अनुरूप लाएगी।

इसके अतिरिक्त, इस कदम का एक मुख्य उद्देश्य शहरी स्थानीय निकायों (ULB) के लिए अतिरिक्त वित्तपोषण के अवसरों तक पहुंच सुनिश्चित करना है। यह वृद्धि शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत वित्तपोषण प्राप्त करने के लिए भी आवश्यक है, जिसके लिए कुछ वित्तीय मानदंडों को पूरा करना होता है।

संपत्ति मालिकों पर सीधा असर

इस 5% की वृद्धि का सीधा असर शहरी क्षेत्रों के संपत्ति मालिकों पर पड़ेगा, क्योंकि उनकी कर देनदारी अब बढ़ जाएगी। संपत्ति कर का भुगतान अब एमसेवा पंजाब पोर्टल या संबंधित नगर निगम की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन किया जा सकता है। सरकार ने नागरिकों से समय पर अपने बढ़े हुए संपत्ति कर का भुगतान करने की अपील की है ताकि किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके, जैसा कि हाल ही में डिफाल्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई थी।

अन्य राज्यों की तुलना में अभी भी कम?

सरकार का दावा है कि इस वृद्धि के बावजूद, पंजाब में संपत्ति कर की दरें अभी भी देश के अन्य प्रमुख राज्यों की तुलना में काफी कम हैं। यह तर्क संभवतः जनता के बीच इस वृद्धि के प्रभाव को कम करने के लिए दिया जा रहा है। हालांकि, आम लोगों को लगेगा बड़ा झटका, खासकर ऐसे समय में जब बढ़ती महंगाई पहले से ही चुनौती बनी हुई है।

राजस्व संग्रह और शहरी विकास का लक्ष्य

संपत्ति कर में वृद्धि का मुख्य लक्ष्य राज्य सरकार और शहरी स्थानीय निकायों के लिए राजस्व संग्रह में तेजी लाना है। यह अतिरिक्त राजस्व शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास, नागरिक सेवाओं में सुधार, और अन्य सार्वजनिक कल्याणकारी योजनाओं के वित्तपोषण में मदद करेगा। सरकार का दृष्टिकोण पंजाब को एक औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित करने और व्यापार के अनुकूल माहौल बनाने का भी है, जिसके लिए मजबूत शहरी बुनियादी ढांचा एक अनिवार्य शर्त है।

चुनौतियों और जनता की प्रतिक्रिया

हालांकि सरकार ने इस वृद्धि को विकास के लिए आवश्यक बताया है, लेकिन आम जनता पर इसका वित्तीय बोझ पड़ने की आशंका है। विभिन्न वर्गों से इस पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल सकती हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह वृद्धि राज्य के शहरी विकास लक्ष्यों को कितना बढ़ावा देती है और नागरिकों पर इसका दीर्घकालिक प्रभाव क्या होता है।

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