CBSE का नया आदेश: स्कूलों में बनेगा ‘ऑयल बोर्ड’
बच्चों में मोटापे को रोकने की स्वस्थ जीवनशैली के लिए उठाया कदम
- CBSE ने सभी स्कूलों में ‘ऑयल बोर्ड’ लगाने का निर्देश दिया है ताकि बच्चों को तेल की अधिक खपत से होने वाले स्वास्थ्य नुकसान के बारे में जागरूक किया जा सके।
- NFHS-5 और लैंसेट रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2050 तक 44.9 करोड़ लोग मोटापे से ग्रस्त हो सकते हैं, जिससे देश पर मोटापे का वैश्विक दूसरा सबसे बड़ा बोझ पड़ेगा।
- प्रधानमंत्री मोदी ने मार्च 2025 में लोगों से रोजाना के खाने में तेल की खपत 10% कम करने का आग्रह किया था, जिससे प्रेरित होकर यह अभियान शुरू किया गया।
- स्कूलों में पौष्टिक भोजन, शारीरिक गतिविधियों और स्वास्थ्य शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा, और सभी आधिकारिक दस्तावेजों में मोटापा रोकथाम से जुड़ा संदेश शामिल किया जाएगा।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,16 जुलाई: बढ़ती मोटापे की समस्या को देखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने अपने अधीनस्थ सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे ‘ऑयल बोर्ड’ (Oil Boards) स्थापित करें। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मार्च 2025 में की गई उस अपील के बाद उठाया गया है, जिसमें उन्होंने लोगों से रोजाना के खानपान में तेल की खपत को 10 प्रतिशत तक कम करने का आग्रह किया था।
सीबीएसई के निदेशक ने सभी स्कूल प्रमुखों को पत्र भेजते हुए निर्देश दिया है कि स्कूलों में बच्चों को तेल के अधिक सेवन से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में जागरूक करने के लिए विशेष ‘ऑयल बोर्ड’ लगाए जाएं। यह बोर्ड छात्रों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत करने का कार्य करेंगे और उन्हें संतुलित भोजन के महत्व को समझने में मदद करेंगे।
स्वास्थ्य संकट के आंकड़े चिंताजनक
CBSE के इस निर्देश में राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) 2019-21 और हाल ही में प्रकाशित लैंसेट ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (GBD) रिपोर्ट 2025 के हवाले से बताया गया है कि भारत में शहरी क्षेत्रों में हर पांच में से एक वयस्क मोटापे का शिकार है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 में भारत में 18 करोड़ मोटे या अधिक वजन वाले वयस्क थे, जिनकी संख्या 2050 तक बढ़कर 44.9 करोड़ तक पहुंच सकती है। यह स्थिति भारत को दुनिया में मोटापे का दूसरा सबसे बड़ा बोझ झेलने वाला देश बना सकती है।
सीबीएसई के नए दिशा-निर्देश:
सभी स्कूलों में ‘ऑयल बोर्ड’ स्थापित किए जाएंगे जो तेल की खपत के प्रति छात्रों को जागरूक करेंगे।
सीबीएसई के सभी आधिकारिक दस्तावेजों पर मोटापा नियंत्रण से संबंधित संदेश प्रकाशित किए जाएंगे।
स्कूलों में पौष्टिक भोजन को बढ़ावा दिया जाएगा और जंक फूड पर नियंत्रण लगाया जाएगा।
नियमित शारीरिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा जैसे चलना, सीढ़ियों का उपयोग करना आदि।
स्कूल अपने अनुसार रचनात्मक ढंग से ऑयल बोर्ड तैयार कर सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय की पहल![Ministry Of Health And Family Welfare: Health ministry redresses 25846 public grievances during special campaign 2.0, ET Government]()
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इसी दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए सभी कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों और संगठनों में खाने-पीने की चीजों जैसे समोसा, वड़ा पाव, पिज़्ज़ा, बर्गर आदि में प्रयुक्त तेल और चीनी की मात्रा को दर्शाने वाले बोर्ड लगाने का प्रस्ताव दिया है। इस कदम का उद्देश्य लोगों को जागरूक कर उनकी खानपान की आदतों में सुधार लाना है।
प्रधानमंत्री मोदी की चेतावनी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2025 में अपने संबोधन में कहा था कि “हर व्यक्ति अपने दैनिक भोजन में तेल की खपत 10 प्रतिशत तक घटाने का संकल्प ले।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अभी से सतर्क नहीं हुए तो 2050 तक हर तीन में से एक भारतीय गंभीर मोटापा संबंधी बीमारियों का शिकार हो सकता है। पीएम मोदी ने इसे एक “जीवन के लिए खतरा” बनने वाली स्थिति बताया था।
यह नई पहल बच्चों में शुरू से ही संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली की आदतें विकसित करने की दिशा में एक सराहनीय कदम मानी जा रही है।