कृषि मंत्री का कड़ा रुख: राज्यों को नकली उर्वरकों पर नकेल कसने का आदेश
किसानों के हित में शिवराज चौहान का बड़ा फैसला, होगी देशव्यापी कार्रवाई
- केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यों को नकली उर्वरकों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
- किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद दिलाने और कालाबाजारी रोकने पर जोर।
- दोषियों के लाइसेंस रद्द करने और एफआईआर दर्ज करने के आदेश।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14 जुलाई: केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नकली उर्वरकों, मिलावटी कृषि इनपुट, और नैनो-उर्वरकों या बायो-स्टिमुलेंट की जबरन टैगिंग पर तत्काल और सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। यह कदम किसानों को धोखे से बचाने और उनकी फसलों को नुकसान से बचाने के लिए उठाया गया है, क्योंकि ये अवैध गतिविधियां उपज को कम करती हैं और किसानों की आजीविका पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।
मंत्री चौहान ने इस बात पर जोर दिया कि कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसानों को सही समय पर, सस्ती दरों पर और मानक गुणवत्ता वाले उर्वरक उपलब्ध कराना बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि नकली या घटिया उर्वरकों की बिक्री उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 के तहत प्रतिबंधित है, जो आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अंतर्गत आता है। इसके बावजूद, कुछ जगहों पर यह अवैध धंधा फल-फूल रहा है।
राज्यों को सख्त निर्देश: निगरानी और कानूनी कार्रवाई
अपने आदेश में, कृषि मंत्री ने राज्यों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं ताकि इस समस्या से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। इन निर्देशों में शामिल हैं:
मूल्य और उपलब्धता की निगरानी: राज्यों को उर्वरकों की उपलब्धता और मूल्य निर्धारण की नियमित निगरानी करनी होगी ताकि कालाबाजारी और अधिक कीमत वसूलने जैसी गतिविधियों को रोका जा सके।
जबरन टैगिंग पर रोक: नैनो-उर्वरकों और बायो-स्टिमुलेंट की पारंपरिक उर्वरकों के साथ जबरन टैगिंग को तुरंत बंद किया जाए। यह किसानों को अनावश्यक उत्पाद खरीदने पर मजबूर करता है, जिससे उनका खर्च बढ़ता है।
नियमित नमूनाकरण और निरीक्षण: नकली उत्पादों का पता लगाने के लिए उर्वरक उत्पादन और बिक्री के स्थानों पर नियमित रूप से नमूने लिए जाएं और उनकी गुणवत्ता की जांच की जाए।
दोषियों पर कड़ी कार्रवाई: दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, जिसमें उनके लाइसेंस रद्द करना, एफआईआर दर्ज करना और प्रभावी अभियोजन सुनिश्चित करना शामिल है ताकि उन्हें दंडित किया जा सके।
किसानों को शामिल करना और जागरूक करना: किसानों और किसान समूहों को उर्वरक गुणवत्ता की निगरानी प्रक्रिया में शामिल करने के लिए एक मजबूत प्रतिक्रिया और सूचना तंत्र विकसित किया जाए। साथ ही, किसानों को असली और नकली उत्पादों की पहचान करने के बारे में शिक्षित करने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाए जाएं।
स्थायी समाधान की दिशा में एक कदम
मंत्री चौहान ने इस बात पर भी बल दिया कि राज्य स्तर पर इस कार्य की नियमित निगरानी ही किसानों के हित में एक प्रभावी और स्थायी समाधान सिद्ध होगी। उनका मानना है कि इस तरह की सक्रिय और राज्य-संचालित पहल से ही किसानों के हितों की रक्षा की जा सकती है और टिकाऊ कृषि समाधान प्राप्त किए जा सकते हैं।
हाल के दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों से नकली खाद और बीजों की शिकायतें मिली हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। कृषि मंत्री का यह सख्त आदेश इस समस्या को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह किसानों को सही और गुणवत्तापूर्ण कृषि इनपुट सुनिश्चित करने में मदद करेगा, जिससे उनकी उपज बढ़ेगी और आय स्थिर रहेगी।