समग्र समाचार सेवा
पंजाब 11 जुलाई -5 करोड़ निवेशकों से धोखाधड़ी, कई राज्यों में फैला था जाल उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने गुरुवार को देश के सबसे बड़े पोंजी घोटालों में से एक, ₹49,000 करोड़ PACL घोटाले के मुख्य आरोपियों में शामिल गुरनाम सिंह को पंजाब के रूपनगर जिले से गिरफ्तार किया। गुरनाम सिंह, 69 वर्षीय, PACL (पर्ल्स एग्रो-टेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड) के निदेशक हैं और उन पर 10 राज्यों में फैले 5 करोड़ से अधिक निवेशकों से धोखाधड़ी का आरोप है।
PACL ने कथित तौर पर लोगों को ज़मीन देने और आकर्षक रिटर्न के झूठे वादों पर निवेश करवाया। यह कंपनी न तो रिज़र्व बैंक से पंजीकृत कोई नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) थी, और न ही इसके पास रियल एस्टेट व्यवसाय चलाने का वैध अधिकार था।
क्लासिक पिरामिड स्कीम का मॉडल
EOW की महानिदेशक नीरा रावत ने बताया कि PACL एक क्लासिक पिरामिड स्कीम की तरह संचालित हो रही थी। पुराने निवेशकों को नए निवेशकों के पैसों से भुगतान किया जाता था, और एजेंटों को मोटा कमीशन देकर नए लोगों को जोड़ने के लिए प्रेरित किया जाता था। बड़े-बड़े सेमिनार कराकर लोगों को लुभाया जाता था।
1996 में शुरुआत, 2011 में नाम बदला
यह कंपनी 1996 में जयपुर में ‘गुरुवंत एग्रो-टेक लिमिटेड’ के रूप में रजिस्टर हुई थी, और 2011 में इसका नाम बदलकर PACL Ltd कर दिया गया। इसका कॉरपोरेट ऑफिस दिल्ली के बाराखंभा रोड पर था। उत्तर प्रदेश के महोबा, जालौन, सुल्तानपुर और फर्रुखाबाद जैसे जिलों में इसने हजारों शाखाएं खोलकर निवेश योजनाओं का जमकर प्रचार किया।
शेल कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग
SEBI की जांच और हजारों शिकायतों के बाद कानपुर में केस (EOW केस संख्या 1/18) दर्ज किया गया। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी PACL और उससे जुड़ी कंपनियों पर चार्जशीट दाखिल की। ED के अनुसार, उत्तर प्रदेश से इकट्ठा किए गए ₹19,000 करोड़ से अधिक रुपये MDB हाउसिंग जैसी शेल कंपनियों के माध्यम से घुमाए गए। यह कंपनी PACL के संस्थापक निर्मल सिंह भंगू के दामाद हरसतिंदर पाल सिंह हैयर द्वारा संचालित की जा रही थी, जो अब न्यायिक हिरासत में है।
PACL के संस्थापक भंगू, एक पूर्व दुग्ध विक्रेता, ने निवेशकों के पैसे से एक रियल एस्टेट साम्राज्य खड़ा किया। अब जांच एजेंसियां इस घोटाले में लिप्त अन्य आरोपियों की तलाश और अवैध संपत्तियों की जांच में जुटी हैं।