डॉक्टर ने आतंकियों को पहुँचाए मोबाइल, कांग्रेस सरकार पर उठे सवाल
कर्नाटक जेल में बड़ा सुरक्षा घोटाला
समग्र समाचार सेवा
बेंगलुरु, 11 जुलाई-कर्नाटक की पराप्पाना अग्रहार जेल में एक चौंकाने वाला सुरक्षा उल्लंघन सामने आया है, जिसने राज्य की कांग्रेस सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच में खुलासा हुआ है कि जेल में कार्यरत एक डॉक्टर आतंकवाद के आरोप में बंद कैदियों को मोबाइल फोन और अन्य आपत्तिजनक सामग्री की तस्करी कर रहा था।
यह जेल देश के सबसे कड़े सुरक्षा वाले कारावासों में से एक मानी जाती है, जहां कई हाई-प्रोफाइल आतंकी बंद हैं। लेकिन अब यह खुलासा होने से पूरे तंत्र की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, डॉक्टर की पहचान डॉ. मोहम्मद अली के रूप में हुई है, जो जेल में नियुक्त था और कैदियों की स्वास्थ्य जांच के बहाने उनके संपर्क में आता था। एनआईए की छापेमारी में पता चला कि उसने मोबाइल फोन, सिम कार्ड, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बेंगलुरु ब्लास्ट के आरोपी शहजाद और उसके साथियों तक पहुंचाए थे।
इस कृत्य के पीछे आतंकियों को जेल के भीतर से बाहर के नेटवर्क से जोड़े रखने की साजिश मानी जा रही है। जांच में यह भी पाया गया कि मोबाइल से किए गए कॉल और मैसेज पाकिस्तान और खाड़ी देशों के नंबरों से जुड़े हुए थे, जिससे अंतरराष्ट्रीय आतंकी साजिश की आशंका गहरा गई है।
इस घटना के सामने आने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति के कारण राज्य की सुरक्षा दांव पर लग गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से तत्काल इस्तीफे की मांग की है।
वहीं राज्य सरकार ने कहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
यह घटना न केवल जेल प्रशासन की कमजोरी को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि आतंकी तत्व किस तरह से सरकारी तंत्र में घुसपैठ कर राष्ट्रीय सुरक्षा को चुनौती दे रहे हैं। एनआईए अब इस पूरे नेटवर्क को खंगाल रही है, जिससे पता चल सके कि इसमें और कौन-कौन लोग शामिल हैं।