स्मृति ईरानी ने ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2’ को बताया ‘साइड प्रोजेक्ट’

तुलसी वापसी पर स्मृति ईरानी का बयान, राजनीति को बताया मुख्य पेशा, खुद को कहा 'पार्ट-टाइम एक्टर'

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
  • स्मृति ईरानी ने स्वीकार किया कि वह अब एक पूर्णकालिक राजनेता और अंशकालिक अभिनेत्री हैं।
  • उन्होंने अपने नए प्रोजेक्ट, ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2’ को एक ‘साइड प्रोजेक्ट’ बताया।
  • ईरानी ने स्पष्ट किया कि उनकी पहली प्राथमिकता राजनीति है और अभिनय उनके लिए एक रचनात्मक आउटलेट है।

समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 9 जुलाई: छोटे पर्दे की आइकॉनिक ‘तुलसी’, स्मृति ईरानी, जिन्होंने टेलीविजन पर दशकों तक राज किया और अब राजनीति में एक कद्दावर चेहरा हैं, ने हाल ही में अपने अभिनय और राजनीतिक करियर के बीच संतुलन पर खुलकर बात की है। अपने नए शो ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2’ को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच, ईरानी ने स्पष्ट किया है कि उनकी पहली और सबसे महत्वपूर्ण भूमिका एक राजनेता की है, जबकि अभिनय उनके लिए अब एक ‘साइड प्रोजेक्ट’ या ‘अंशकालिक’ काम बन गया है।

पूर्णकालिक राजनेता, अंशकालिक अभिनेत्री: स्मृति ईरानी

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने हमेशा अपनी भूमिकाओं को स्पष्टता से परिभाषित किया है। उन्होंने कहा, “मैं अब एक पूर्णकालिक राजनेता हूं। अभिनय मेरे लिए एक रचनात्मक आउटलेट है, एक ऐसा मंच जहां मैं अपने जुनून को पूरा कर सकती हूं, लेकिन मेरी मुख्य प्राथमिकता देश और मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की सेवा करना है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2’ में उनकी वापसी केवल एक विशेष प्रोजेक्ट के लिए है, न कि अभिनय में पूर्णकालिक वापसी। यह बयान उन अटकलों पर विराम लगाता है, जिनमें कहा जा रहा था कि राजनीति से उनका रुझान कम हो रहा है।

‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2’ बना ‘साइड प्रोजेक्ट’

‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ भारतीय टेलीविजन के इतिहास के सबसे सफल और लंबे समय तक चलने वाले शोज में से एक रहा है। इस शो ने स्मृति ईरानी को ‘तुलसी विरानी’ के रूप में घर-घर में पहचान दिलाई। अब जबकि इसके सीक्वल ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2’ की बात चल रही है, स्मृति ईरानी ने इसे एक ‘साइड प्रोजेक्ट’ करार दिया है। उन्होंने बताया कि इस शो के लिए जो भी समय वह निकालेंगी, वह उनकी राजनीतिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के बाद ही होगा। यह दर्शाता है कि राजनीति में उनकी प्रतिबद्धता अटूट है। वह अपने अभिनय की बारीकियों और भूमिका के प्रति न्याय करने को लेकर हमेशा गंभीर रही हैं, लेकिन इस बार उनकी प्राथमिकताएं साफ हैं।

राजनीति से अभिनय का सफर: एक अद्वितीय यात्रा

स्मृति ईरानी का करियर ग्राफ बेहद अनूठा रहा है। मॉडलिंग से लेकर टेलीविजन की सुपरस्टार बनने और फिर केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में देश की सेवा करने तक, उन्होंने हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है। ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ ने उन्हें अपार लोकप्रियता दिलाई, जिसके बाद उन्होंने धीरे-धीरे राजनीति में कदम रखा। अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के दम पर वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में एक प्रमुख नेता के रूप में उभरीं और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री के रूप में महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाल रही हैं। उनका यह कहना कि अभिनय उनके लिए ‘अंशकालिक’ है, उनकी राजनीतिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

फैंस और दर्शकों की उम्मीदें

स्मृति ईरानी के फैंस उन्हें ‘तुलसी’ के रूप में फिर से देखने के लिए बेहद उत्साहित हैं। हालांकि, उनके इस बयान के बाद कि यह एक ‘साइड प्रोजेक्ट’ है, फैंस की उम्मीदें थोड़ी बदल सकती हैं। यह साफ है कि वह अभिनय के लिए उतना समय नहीं दे पाएंगी जितना पहले देती थीं। फिर भी, ‘तुलसी विरानी’ का किरदार और स्मृति ईरानी का अभिनय आज भी दर्शकों के दिलों में बसा हुआ है। उनका यह कदम दर्शाता है कि कैसे एक व्यक्ति अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं के बीच संतुलन स्थापित कर सकता है, खासकर जब सार्वजनिक सेवा की बात आती है। यह उनके लिए एक व्यक्तिगत और पेशेवर चुनौती भी होगी कि वह अपने राजनीतिक कर्तव्यों को निभाते हुए एक लोकप्रिय किरदार में फिर से जान डाल सकें।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.