मेलबर्न फिल्म फेस्टिवल में ‘प्यासा’ ‘कागज़ के फूल’ को दी जाएगी श्रद्धांजलि

विशेष स्क्रीनिंग द्वारा गुरु दत्त को श्रद्धांजलि

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समग्र समाचार सेवा
 मुंबई (महाराष्ट्र) 9 जुलाई– भारतीय सिनेमा के महान निर्देशक, अभिनेता और लेखक गुरु दत्त के जन्म के 100 साल पूरे होने पर Indian Film Festival of Melbourne (IFFM) 2025 उन्हें एक खास श्रद्धांजलि देने जा रहा है। इस अवसर पर फेस्टिवल में उनकी दो सबसे प्रसिद्ध फिल्में — ‘प्यासा’ और ‘कागज़ के फूल’ — की विशेष स्क्रीनिंग की जाएगी।
IFFM के डायरेक्टर मितु भौमिक लांगे ने प्रेस बयान में कहा:
“गुरु दत्त अपने समय से बहुत आगे थे — उनकी फिल्मों में भावनात्मक गहराई और सिनेमाई तकनीक दोनों बेमिसाल थीं। ‘प्यासा’ और ‘कागज़ के फूल’ सिर्फ फिल्में नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा की आत्मा हैं। यह हमारा सौभाग्य है कि हम उनके योगदान को याद करते हुए उनकी फिल्मों को नई पीढ़ियों तक पहुँचा सकें।”
सिनेमा का स्वर्ण युग लौटेगा IFFM के पर्दे पर
मेलबर्न में आयोजित होने वाले इस अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में दर्शकों को इन कालजयी क्लासिक्स को बड़े पर्दे पर देखने का दुर्लभ मौका मिलेगा। यह रेट्रोस्पेक्टिव न केवल गुरु दत्त की फिल्मी यात्रा को सम्मान देता है, बल्कि भारतीय सिनेमा के स्वर्ण युग को पुनर्जीवित करता है।
1925 में जन्मे थे गुरु दत्त
9 जुलाई 1925 को जन्मे गुरु दत्त ने महज़ कुछ ही वर्षों में भारतीय सिनेमा को एक नई पहचान दी। उनकी फिल्मों में टूटे हुए दिलों की पीड़ा, आदर्शवाद, प्रेम और समाज की विडंबनाओं को बेहद खूबसूरती से उकेरा गया है।
उनकी अमर कृतियाँ
गुरु दत्त की कई फिल्में जैसे –
साहब बीबी और गुलाम
मिस्टर एंड मिसेज 55
सांझ और सवेरा
आज भी फिल्म प्रेमियों के दिलों में ज़िंदा हैं। उनकी फिल्मों की खूबी यह रही कि वे व्यावसायिक और कलात्मक सिनेमा के बीच एक सेतु बन गईं।
एक विरासत जो अमर है
भले ही गुरु दत्त हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी सिनेमा की विरासत आज भी जीवित है। नए जमाने के फिल्मकार आज भी उनके कैमरा वर्क, नैरेटिव स्टाइल और थीम से प्रेरणा लेते हैं।
IFFM 2025 में यह श्रद्धांजलि न केवल एक सिनेमा आइकन को याद करने का जरिया है, बल्कि भारतीय संस्कृति और सिनेमा को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का प्रयास भी है।

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