समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7 जुलाई: एक सहकर्मी-समीक्षित (peer-reviewed) अध्ययन में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने स्पष्ट रूप से बताया है कि कोविड-19 वैक्सीनेशन और अचानक हुई मौतों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। यह अध्ययन विशेष रूप से 18 से 45 वर्ष के उम्र वर्ग के उन स्वस्थ दिखने वाले वयस्कों पर केंद्रित था जिनकी असामयिक और अप्रत्याशित मृत्यु हुई थी।
यह अध्ययन Indian Journal of Medical Research में प्रकाशित हुआ है और 2023 में देश के 47 बड़े अस्पतालों में किया गया था। इसका उद्देश्य उन बढ़ती अफवाहों और आशंकाओं को वैज्ञानिक रूप से जांचना था, जिनमें कोविड टीकों को हार्ट अटैक या अचानक मौतों से जोड़ा जा रहा था।
प्रमुख निष्कर्ष:
वैक्सीनेशन से खतरा नहीं, बल्कि सुरक्षा मिलती है:
जिन व्यक्तियों को कोविड-19 का कम से कम एक टीका लगा था, उनमें अचानक मौत का खतरा कम पाया गया। दो टीके लेने वालों में यह खतरा और भी कम हो गया।
ज्यादा खतरा किनसे जुड़ा है:
पहले कोविड संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती रहना
परिवार में अचानक मौत का इतिहास
मृत्यु से 48 घंटे पहले अत्यधिक शराब सेवन
नशा या ड्रग्स का सेवन
मृत्यु से दो दिन पहले अत्यधिक शारीरिक श्रम या व्यायाम
यह अध्ययन मल्टीसेंटर केस-कंट्रोल मॉडल पर आधारित था, जिसमें 729 अचानक मौत के मामलों और 2,916 नियंत्रित (control) प्रतिभागियों को शामिल किया गया। सभी प्रतिभागी आयु, लिंग और क्षेत्र के अनुसार मेल खाते थे और किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित नहीं थे।
शोधकर्ताओं ने विस्तृत जानकारी इंटरव्यू और रिकॉर्ड के माध्यम से जुटाई, जिसमें वैक्सीनेशन की स्थिति, कोविड संक्रमण का इतिहास, जीवनशैली, व्यायाम की आदतें और अन्य स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी शामिल थी।
सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए संदेश:
यह अध्ययन एक स्पष्ट संदेश देता है कि कोविड वैक्सीन अचानक मौतों का कारण नहीं है, बल्कि यह एक सुरक्षा कवच है। इसके साथ ही यह रिपोर्ट हमें चेतावनी देती है कि लाइफस्टाइल की खराब आदतें, जैसे अत्यधिक शराब, ड्रग्स या अत्यधिक व्यायाम, वास्तविक खतरे हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आम लोगों से अपील की है कि वे वैक्सीन को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान न दें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ ।