पूर्व CJI के आवास को खाली कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को लिखा पत्र

मुख्य न्यायाधीश के सरकारी आवास को खाली कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को लिखा पत्र, पूर्व CJI चंद्रचूड़ के लंबे कब्जे पर जताई आपत्ति

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली 6 जुलाई — सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए केंद्र सरकार को पत्र लिखकर तत्काल प्रभाव से देश के मौजूदा मुख्य न्यायाधीश (CJI) के लिए निर्धारित आधिकारिक आवास को खाली कराने की माँग  की है। यह आवास इस समय पूर्व CJI न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ के कब्जे में है, जिन्होंने नवंबर 2022 से नवंबर 2024 तक सर्वोच्च न्यायिक पद पर कार्य किया।

1 जुलाई को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) को भेजे गए पत्र में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दिल्ली के कृष्ण मेनन मार्ग स्थित बंगला संख्या-5 को तत्काल सुपुर्द किया जाए। यह Type VIII श्रेणी का सरकारी आवास मौजूदा CJI के लिए आरक्षित है, परंतु चंद्रचूड़ सेवानिवृत्ति के आठ महीने बाद भी इसमें रह रहे हैं।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने सफाई में कहा कि उन्हें पहले ही किराए पर एक वैकल्पिक सरकारी आवास आवंटित किया जा चुका है, लेकिन वह वर्षों से बंद होने के कारण अभी रहने लायक नहीं था। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी दो बेटियाँ  विशेष चिकित्सा आवश्यकताओं वाली हैं और एम्स में उनका इलाज चल रहा है, जिस कारण उपयुक्त आवास की तलाश में समय लग गया।

सुप्रीम कोर्ट के पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि Rule 3B के तहत एक सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश अधिकतम छह महीने तक Type VII आवास में रह सकता है। चंद्रचूड़ को विशेष परिस्थितियों में Type VIII बंगले में रहने की अनुमति 31 मई 2025 तक दी गई थी, लेकिन अब वह अवधि भी समाप्त हो चुकी है।

सुप्रीम कोर्ट ने मंत्रालय से कहा है कि तय समयावधि समाप्त होने के बाद अब और विलंब नहीं किया जा सकता और आवास को तत्काल कब्जे में लिया जाए। यह मामला इसलिए भी असाधारण है क्योंकि यह शायद पहली बार है जब सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व प्रमुख न्यायाधीश से औपचारिक रूप से आवास खाली कराने की प्रक्रिया शुरू की है।

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