शुभमन गिल का ऐतिहासिक दोहरा शतक: टेस्ट में यह उपलब्धि हासिल करने वाले छठे भारतीय कप्तान

एडगैस्टन में रचा इतिहास, भारत को दिलाई मजबूती

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समग्र समाचार सेवा
बर्मिंघम, 4 जुलाई: 3 जुलाई, 2025 को शुभमन गिल ने इंग्लैंड की धरती पर दोहरा शतक लगाने वाले पहले भारतीय टेस्ट कप्तान बनकर इतिहास रच दिया। यह उपलब्धि उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ एडगैस्टन, बर्मिंघम में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट की पहली पारी में हासिल की, जहां उन्होंने अपनी 311वीं गेंद पर 200 रनों का आंकड़ा छुआ।

भारतीय क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि

पंजाब के 25 वर्षीय दाएं हाथ के बल्लेबाज अब टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक बनाने वाले छठे भारतीय कप्तान बन गए हैं। इस विशिष्ट क्लब में शामिल होने वाले अन्य दिग्गजों में शामिल हैं:

एम.ए.के. पटौदी (203* बनाम इंग्लैंड, दिल्ली, 1964)

सुनील गावस्कर (205 बनाम वेस्टइंडीज, मुंबई, 1978)

सचिन तेंदुलकर (217 बनाम न्यूजीलैंड, अहमदाबाद, 1999)

एम.एस. धोनी (224 बनाम ऑस्ट्रेलिया, चेन्नई, 2013)

विराट कोहली (कप्तान के रूप में 7 दोहरे शतक)

गिल की यह उपलब्धि विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि वह इंग्लैंड में दोहरा शतक लगाने वाले केवल दूसरे भारतीय कप्तान हैं, इन महान नामों के नक्शेकदम पर चलते हुए।

वह पारी जिसने इतिहास रचा

नंबर चार पर बल्लेबाजी करने आए गिल ने चुनौतीपूर्ण अंग्रेजी आक्रमण के खिलाफ उल्लेखनीय संयम और कौशल का प्रदर्शन किया। उनकी पारी धैर्य, तकनीक और आक्रामकता का मिश्रण थी, क्योंकि उन्होंने धीरे-धीरे अपने मील के पत्थर तक पहुंचने के लिए अपनी पारी का निर्माण किया। यह दोहरा शतक भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आया, जिसने उच्च दांव वाले एडगैस्टन टेस्ट में एक मजबूत नींव रखी।

भारतीय कप्तानों के दोहरे शतकों पर एक नजर

एम.ए.के. पटौदी ने दिल्ली (1964) में इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 203 रन बनाकर मार्ग प्रशस्त किया था।

सुनील गावस्कर ने वानखेड़े (1978) में वेस्टइंडीज के खिलाफ 205 रनों की मैराथन पारी खेली।

सचिन तेंदुलकर ने अहमदाबाद (1999) में न्यूजीलैंड के खिलाफ 217 रन बनाए।

एम.एस. धोनी ने चेन्नई (2013) में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 224 रनों की शानदार पारी खेली।

विराट कोहली ने कप्तान के रूप में सात दोहरे शतकों के साथ निरंतरता को फिर से परिभाषित किया, जो किसी भी भारतीय कप्तान द्वारा सबसे अधिक है।

दिग्गजों की श्रेणी में गिल का स्थान

इस उपलब्धि के साथ, शुभमन गिल ने न केवल भारत के सबसे उज्ज्वल युवा क्रिकेट सितारों में से एक के रूप में अपनी स्थिति मजबूत की है, बल्कि एक ऐसे नेता के रूप में भी, जो विदेशी धरती पर दबाव में प्रदर्शन करने में सक्षम है। उनका दोहरा शतक विश्व क्रिकेट में उनकी बढ़ती प्रतिष्ठा और सबसे महत्वपूर्ण समय पर अवसर पर खरा उतरने की उनकी क्षमता का एक प्रमाण है।

शुभमन गिल का एडगैस्टन में ऐतिहासिक दोहरा शतक भारतीय टेस्ट क्रिकेट में एक नया अध्याय है, जो अगली पीढ़ी को प्रेरित करेगा और भारतीय क्रिकेट कप्तानों की विरासत में एक और गौरवशाली पल जोड़ेगा। जैसे-जैसे श्रृंखला आगे बढ़ेगी, सभी की निगाहें गिल पर होंगी कि वह अंग्रेजी धरती पर टीम इंडिया को कितनी दूर ले जा सकते हैं।

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