पीएम मोदी की घाना यात्रा: तीन दशक बाद बनी ऐतिहासिक मिसाल, डिजिटल सहयोग पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का घाना में भव्य स्वागत, राष्ट्रपति जॉन महामा से मुलाकात और भारत-अफ्रीका संबंधों को नई दिशा देने की पहल।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2 जुलाई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पांच देशों की लंबी यात्रा के पहले पड़ाव पर अफ्रीकी देश घाना पहुंचे हैं। 2 जुलाई 2025 को कोटोका अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा ने स्वयं उनका भव्य स्वागत किया। यह पिछले तीन दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की घाना की पहली द्विपक्षीय यात्रा है, जो दोनों देशों के बीच संबंधों को एक नया आयाम देगी।
भव्य स्वागत और ऐतिहासिक संबंध
घाना पहुंचने पर पीएम मोदी को 21 तोपों की सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। बच्चों ने श्लोकों का पाठ कर उनका स्वागत किया, जो भारत और घाना के गहरे सांस्कृतिक जुड़ाव को दर्शाता है। भारत और घाना के बीच रिश्ते ऐतिहासिक और मजबूत रहे हैं, जो सात दशकों से अधिक पुराने हैं। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दोनों देश एक-दूसरे का समर्थन करते आए हैं। घाना की आजादी में महात्मा गांधी के विचारों और भारत के स्वतंत्रता संग्राम का बड़ा प्रभाव रहा है।
जॉन महामा से द्विपक्षीय वार्ता
पीएम मोदी ने घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा से मुलाकात की। यह मुलाकात द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के नए रास्ते खोलने पर केंद्रित रही। दोनों नेताओं ने आर्थिक साझेदारी, ऊर्जा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और विकास सहयोग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। घाना अफ्रीकी संघ (African Union) और पश्चिम अफ्रीकी देशों के आर्थिक समुदाय (ECOWAS) में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और भारत इस क्षेत्र में अपनी ‘अफ्रीका नीति’ को सशक्त करना चाहता है।
डिजिटल भुगतान और वैक्सीन हब पर फोकस
यद्यपि उपलब्ध जानकारी में ‘डिजिटल भुगतान’ पर सीधा विवरण नहीं दिया गया है, लेकिन प्रधान मंत्री की यात्रा का व्यापक एजेंडा डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्रौद्योगिकी सहयोग को मजबूत करना है। यह उम्मीद की जाती है कि भारत घाना को अपनी सफल डिजिटल भुगतान प्रणालियों (जैसे यूपीआई) के अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करने की पेशकश कर सकता है, जैसा कि वह अन्य ग्लोबल साउथ देशों के साथ कर रहा है। इसके अतिरिक्त, घाना के राष्ट्रपति पश्चिम अफ्रीका के लिए एक वैक्सीन हब बनाने के इच्छुक हैं, जिसमें भारत की ओर से सहायता मिलने की संभावना है।
संसद को संबोधन और भारतीय समुदाय से मुलाकात
अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी घाना की संसद को भी संबोधित करेंगे। यह दोनों देशों के साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और ऐतिहासिक संबंधों को रेखांकित करेगा। वे घाना में भारतीय समुदाय के 15,000 से अधिक लोगों से भी मुलाकात करेंगे, जो विदेशों में बसे भारतीयों के साथ भारत के गहरे जुड़ाव को दर्शाता है।
आगे की यात्रा और ग्लोबल साउथ की भूमिका
घाना के बाद, पीएम मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील (BRICS शिखर सम्मेलन के लिए) और नामीबिया की यात्रा करेंगे। यह बहु-राष्ट्र यात्रा ग्लोबल साउथ के साथ भारत की दोस्ती को गहरा करेगी और अटलांटिक के दोनों किनारों पर साझेदारी को मजबूत करेगी। यह भारत को एक जिम्मेदार वैश्विक खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी जो विकासशील देशों के साथ मिलकर काम करता है।