समग्र समाचार सेवा
भुवनेश्वर , 1 जुलाई – ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से सोमवार को एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई, जहां भुवनेश्वर नगर निगम (BMC) के अतिरिक्त आयुक्त रत्नाकर साहू को उनके कार्यालय से घसीटकर बाहर निकाला गया और सड़क पर ले जाकर बेरहमी से पीटा गया। इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें साहू को जमीन पर गिराकर घसीटा जा रहा है और उनके चेहरे पर लातें मारी जा रही हैं।
शिकायत सुनवाई के दौरान हुआ हमला
रत्नाकर साहू के अनुसार, जब वह सुबह 11:30 बजे जनसुनवाई कर रहे थे, उसी समय 5-6 लोग अचानक उनके कार्यालय में घुसे, जिनमें BMC के पार्षद जीवन राउत भी शामिल थे। साहू ने बताया कि जैसे ही राउत अंदर आया, उसने पूछा कि क्या उन्होंने “जग भाई” (संभवत: बीजेपी नेता जगन्नाथ प्रधान) के साथ दुर्व्यवहार किया है। जब साहू ने इससे इनकार किया, तो उसके साथ आए लोगों ने उन्हें कॉलर से पकड़ लिया और बुरी तरह मारपीट शुरू कर दी।
उन्होंने आरोप लगाया कि हमलावरों ने उन्हें जबरन एक वाहन में बिठाने की कोशिश भी की। वायरल वीडियो में दिख रहा है कि कैसे अधिकारी को सीढ़ियों से नीचे घसीटते हुए बाहर ले जाया गया।
FIR दर्ज, तीन गिरफ्तार
घटना के तुरंत बाद प्राथमिकी दर्ज की गई और तीन लोगों – जीवन राउत, रश्मि महापात्र और देवाशीष प्रधान – को गिरफ्तार किया गया है।
प्रशासनिक वर्ग में आक्रोश, ‘मास लीव’ पर जाएँगे अधिकारी
इस हमले के बाद ओडिशा प्रशासनिक सेवा संघ (OAS Association) ने घटना के विरोध में 1 जुलाई से सामूहिक अवकाश (Mass Leave) पर जाने की घोषणा कर दी है।
सियासी प्रतिक्रिया
पूर्व मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल (BJD) प्रमुख नवीन पटनायक ने घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी और मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी से आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, “यदि एक वरिष्ठ अधिकारी अपने ही कार्यालय में सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिक सरकार से क्या उम्मीद करेंगे?”
BMC की महापौर सुलोचना दास ने इस कृत्य को हत्या का प्रयास बताया और आरोपियों पर IPC की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत केस दर्ज करने की मांग की। उन्होंने कहा, “हमने वीडियो फुटेज के आधार पर FIR दर्ज कराई है, लेकिन अभी तक सिर्फ तीन ही गिरफ्तार हुए हैं। सभी आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।”
कांग्रेस पार्टी ने भी बीजेपी पर निशाना साधते हुए इस घटना को “कानून व्यवस्था की विफलता” बताया। कटक विधायक और कांग्रेस नेता ने कहा, “यह हमला केवल एक अधिकारी पर नहीं, बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र और कानून के शासन पर है। ओडिशा को जंगलराज नहीं, कानून चाहिए।”