नीतीश के गढ़ में गरजे चिराग पासवान, बोले- “मेरे बिहार आने से वो घबराए हुए हैं”
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चिराग पासवान ने साधा नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में निशाना।
समग्र समाचार सेवा
नालंदा , 1 जुलाई : बिहार की राजनीति में सियासी हलचल तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के राजगीर में एक रैली को संबोधित करते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि उनके बिहार आने से कुछ लोग घबराए हुए हैं और उनके रास्ते में बाधाएं खड़ी कर रहे हैं।
नालंदा में चिराग का शक्ति प्रदर्शन
चिराग पासवान ने नालंदा में ‘बहुजन भीम संकल्प समागम’ को संबोधित करते हुए एक तरह से नीतीश कुमार के गढ़ में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग नहीं चाहते कि मैं बिहार वापस आऊं और यहां की राजनीति में सक्रिय रहूं। चिराग ने स्पष्ट किया कि उन्हें रोकने के लिए कई कोशिशें की गईं, जिसमें पार्टी में तोड़फोड़ और परिवार में दरार पैदा करने की कोशिश भी शामिल थी, लेकिन वह कभी निराश नहीं हुए।
‘मैं बिहार के लिए चुनाव लड़ूंगा’
इस रैली में चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा जाहिर की। उन्होंने कहा, “लोग जानना चाहते हैं कि क्या मैं चुनाव लड़ूंगा? मैं साफ कहता हूं – हां, मैं बिहार विधानसभा चुनाव लड़ूंगा। मेरा सपना है – ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’।” उन्होंने यह भी कहा कि वह सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और जहां भी गठबंधन के साथी होंगे, वहां भी ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ की सोच को आगे बढ़ाएंगे। उनका यह बयान सीधे तौर पर संकेत देता है कि वह खुद चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं।
आरक्षण और संविधान पर दी गारंटी
चिराग पासवान ने अपने संबोधन में विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्ष लगातार यह अफवाह फैला रहा है कि एनडीए की सरकार आरक्षण और संविधान को खत्म कर देगी। इस पर उन्होंने जनता को आश्वस्त करते हुए कहा, “जब तक चिराग पासवान जिंदा है, आरक्षण को कोई नहीं छू सकता। मैं रामविलास पासवान का बेटा हूं, ना टूटने वाला हूं, ना झुकने वाला हूं और ना डरने वाला हूं।”
क्या हैं इसके सियासी मायने?
चिराग पासवान का यह बयान और नालंदा में उनकी रैली बिहार की राजनीति में एक नई समीकरण की ओर इशारा करती है। नीतीश कुमार के गढ़ में चिराग का आक्रामक रुख JDU के लिए चुनौती खड़ी कर सकता है। यह बयान एनडीए के भीतर भी सीट-बंटवारे की बातचीत को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि चिराग अब खुद को एक मजबूत दावेदार के रूप में पेश कर रहे हैं।