युवा लेखक विवान कारुलकर की नई किताब: ‘एलन मस्क: द मैन हू बेंड्स रियलिटी’ का अनावरण
नये भारत का उभरता सितारा
समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 30 जून: मुंबई के 18 वर्षीय विवान कारुलकर ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। ‘नये भारत’ के इस युवा और सफल लेखक-वैज्ञानिक ने अपनी तीसरी पुस्तक, “एलन मस्क: द मैन हू बेंड्स रियलिटी” का विमोचन किया है। यह पुस्तक विश्व प्रसिद्ध उद्यमी और टेक्नोलॉजी आइकन एलन मस्क के प्रेरणादायक जीवन पर आधारित है।
विवान का बहुमुखी प्रतिभा का सफर
विवान कारुलकर को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक असाधारण लेखक और वैज्ञानिक के रूप में पहचान मिली है। उन्होंने इससे पहले सनातन धर्म के वैज्ञानिक पहलुओं पर दो किताबें लिखी हैं, जिनकी देश के प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों, आध्यात्मिक गुरुओं और वैज्ञानिक समुदाय ने खूब सराहना की है।
कम उम्र में बड़ी उपलब्धियाँ
केवल 15 साल की उम्र में, विवान को निकट-पृथ्वी वस्तुओं (Near-Earth Objects) की पहचान से जुड़े शोध के लिए इन-प्रिंसिपल पेटेंट मिला। इस उपलब्धि ने उन्हें दुनिया के सबसे कम उम्र के शोधकर्ताओं और आविष्कारकों में से एक बना दिया।
16 साल की उम्र में, उन्होंने अपनी पहली पुस्तक “द सनातन धर्म: ट्रू सोर्स ऑफ ऑल साइंस” लिखी, जिसका भव्य लोकार्पण 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के श्रीराम मंदिर में हुआ। यह पुस्तक मंदिर ट्रस्ट के महासचिव श्री चंपत राय जी द्वारा रामलला के गर्भगृह में उनके चरणों में अर्पित कर प्रकाशित की गई थी।
इसके बाद, 17 साल की उम्र में विवान की दूसरी पुस्तक “द सनातन धर्म: ट्रू सोर्स ऑफ ऑल टेक्नोलॉजी” प्रकाशित हुई। इसे 15 नवंबर 2024 को परम पूज्य सरसंघचालक श्री मोहन भागवत जी और इसरो अध्यक्ष श्री एस. सोमनाथ जी द्वारा संयुक्त रूप से लॉन्च किया गया।
एलन मस्क पर गहन शोध
अब, मात्र 18 वर्ष की आयु में, विवान एलन मस्क पर अपनी तीसरी पुस्तक लेकर आए हैं। यह जीवनी मस्क के जीवन, दृष्टिकोण, नवाचार और उनकी प्रेरणादायक सोच को गहराई से दर्शाती है। विवान पिछले 10 वर्षों से एलन मस्क के कार्यों और विचारधाराओं का अध्ययन कर रहे हैं, उन्होंने 8 साल की उम्र से ही मस्क को फॉलो करना शुरू कर दिया था।
यह पुस्तक मस्क के जीवन से जुड़ी कई ऐसी घटनाओं, फैसलों और विचारों को सामने लाती है, जिनके बारे में कम लोग जानते हैं। यह पाठकों को एक नई और प्रेरणादायक दृष्टि प्रदान करती है। यह सिर्फ उनकी उद्यमिता की कहानी नहीं, बल्कि उनके भीतर की प्रेरणा, साहस और जोखिम लेने की क्षमता का भी गहन चित्रण है।
सॉफ्ट लॉन्च और भविष्य की आकांक्षा
इस पुस्तक का सॉफ्ट लॉन्च 28 जून 2025 को एलन मस्क के जन्मदिन के अवसर पर किया गया। विवान की यह भी आकांक्षा है कि वे स्वयं श्री मस्क को इस पुस्तक की एक प्रति भेंट करें, एक युवा लेखक की ओर से सम्मान और कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में।
विज्ञान, अध्यात्म और नवाचार को जोड़ते हुए विवान कारुलकर की यह तीसरी कृति आज की युवा पीढ़ी के लिए न केवल एक प्रेरणा है, बल्कि यह दर्शाती है कि विचारों और शब्दों के माध्यम से भी दुनिया को बदला जा सकता है।