क्या कर्नाटक में बदलेगा मुख्यमंत्री? सिद्धारमैया की कुर्सी पर संकट
खड़गे ने टाला जवाब, फैसला हाईकमान पर छोड़ा
समग्र समाचार सेवा
कर्नाटक 30 जून -में कांग्रेस सरकार के नेतृत्व को लेकर उठते सवालों के बीच अब यह चर्चा और तेज हो गई है कि क्या मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को हटाया जाएगा और उनकी जगह डिप्टी सीएम डी. के. शिवकुमार को कमान सौंपी जाएगी। इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मुद्दे पर कोई सीधा जवाब न देकर फैसला पार्टी के हाईकमान पर छोड़ दिया है।
दरअसल, कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला की हालिया बेंगलुरु यात्रा के बाद इस अटकल को और हवा मिली है कि पार्टी राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की तैयारी कर रही है। ऐसे में खड़गे से जब पूछा गया कि क्या अक्टूबर में मुख्यमंत्री बदले जाएंगे, तो उन्होंने कहा, “यह हाईकमान के हाथ में है। यहां कोई नहीं कह सकता कि हाईकमान में क्या चल रहा है। बेवजह इस विषय को लेकर समस्या खड़ी नहीं करनी चाहिए।”
शिवकुमार के समर्थकों की बढ़ती उम्मीदें
रविवार को कर्नाटक कांग्रेस विधायक एच. ए. इकबाल हुसैन ने दावा किया कि अगले दो से तीन महीनों में डी. के. शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिल सकता है। उन्होंने कहा, “आप सभी जानते हैं कि कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए किसने कितना संघर्ष किया। शिवकुमार की रणनीतियां और मेहनत आज भी याद की जाती हैं। हमें पूरा विश्वास है कि हाईकमान स्थिति से अवगत है और उचित समय पर फैसला लेगा।”
हुसैन ने यहां तक कहा कि कुछ नेता सितंबर के बाद राज्य में “क्रांतिकारी राजनीतिक घटनाक्रम” की बात कर रहे हैं, और नेतृत्व परिवर्तन इसी दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है।
सत्ता में आने से पहले हुआ था समझौता?
कांग्रेस सूत्रों की मानें तो 2023 में विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में आने के वक्त ही सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच एक गुप्त ‘पावर शेयरिंग फॉर्मूला’ तय हुआ था, जिसके तहत तय हुआ था कि सिद्धारमैया 2.5 साल मुख्यमंत्री रहेंगे और उसके बाद शिवकुमार को कमान सौंपी जाएगी। हालांकि इस समझौते की कभी सार्वजनिक पुष्टि नहीं की गई।
राज्य के सहकारिता मंत्री के. एन. राजन्ना ने भी हाल ही में सितंबर के बाद राज्य में “राजनीतिक क्रांति” की ओर इशारा किया था, जिससे बदलाव की संभावनाएं और मजबूत हो गई हैं।
कांग्रेस में अंतर्कलह और भ्रष्टाचार के आरोप
इस बीच कांग्रेस सरकार को लेकर अंदरूनी कलह और भ्रष्टाचार के आरोप भी सामने आए हैं। कई वरिष्ठ नेताओं ने सिद्धारमैया सरकार के भीतर “व्यवस्था की नाकामी” और “कथित घोटालों” की ओर इशारा किया है, जिससे शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग और तेज हो गई है।
फिलहाल, कांग्रेस हाईकमान की ओर से कोई आधिकारिक निर्णय नहीं आया है, लेकिन बयानबाज़ी और संकेतों से साफ है कि कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की पटकथा लिखी जा चुकी है। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या सितंबर के बाद वाकई कर्नाटक की राजनीति में बड़ा उलटफेर होगा?